चंदैनी गोंदा के मूल और लोकप्रिय 14 गीत ये कड़ी ल चपक के पावव
– देखो फुलगे चंदैनी गोंदा फुलगे Chandaini gonda fulge
गीतकार -रविशंकर शुक्ल
-चल शहर जातेन गा संगी, गांव ल छोड़ के शहर जातेन chal shahar jaten
गीतकार हेमनाथ यदु
-मैं छत्तीसगढ़िया आंव
गीतकार लक्षमण मस्तुरिया
-मोर संग चलव रे
गीतकार लक्षमण मस्तुरिया
-रेंगो रेंगो रे रेंगाइया घाम बरसत हे rengo rengo re rengaiya
गीतकार लक्षमण मस्तुरिया
-मोर खेती खार रूनझुन, चिरईया नाचे mor kheti khar runjhun
-मोला मइके देखे के साध mola maike dekhe ke sadh
-दाई के दया, ददा के मया
-झन आंजबे टुरी aa jabe turi
कुंवार में ज्वार फूल रहे हैं
-चिरई चले आबे churai chale aabe
-जोहर जोहर तोर johar johar tor
-भैया गा किसान
-हर हर चांदी
-तोला देखे रेहेंव गा धमनी हाट tola dekhe rahenv
गीतकार- द्वारिका प्रसाद तिवारी “विप्र”
-चंदा बन के जिबोन chanda ban ke jibon
-धरती के अंगना म
-दौरि म बइला मन घूमत हें daunri ma baila ghumat he
-जुच्छा गरजे म बने नहीं jhuchha garje ma banay nahin
-तोला का गोदना ल गोदंव tola ka godana godanv
-मोर कुरिया सुन्ना mor kuriya sunna
-वारे मोर पड़की मैना va re mor pandaki maina
गीतकार- लक्षमण मस्तुरिया
-नरवा के तीर मोर गांव narava ke tir mor ganv
-अब का गोदना ल गोदों
-गोई पुछिही जब
गीतकार- द्वारिका प्रसाद तिवारी “विप्र”
-घानी मुनि घोर दे ghani muni ghor de pani damor de
गीतकार- रविशंकर शुक्ल, स्वर श्रीमती मंजुला बैनर्जी
-सोन के चिरैया बोले का रे angana ma bharat mata ke son ke chiraiya bole