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कविता

अक्षर दीप जलाबोन

अक्षर दीप जलाबोन संगी
निरक्षरता के अंधियार मिटाबोन
ज्ञान के मशाल धरके
गली गांव तक जाबोन
सब कोई पढ़बोन अऊ पढ़ाबोन
सब कोई होही साक्षर
नइ राहे तब ये जग म
भंइस बराबर काला अक्षर
नोनी पढ़ही बाबू पढ़ही
पढ़ही बबलू के दाई
डोकरा पढ़ही डोकरी पढ़ही
अऊ पढ़ही मनटोरा माई
आगे हवे चैत महीना
जंवारा देखे ल जाबोन
मां दुर्गा ह खुश होही
जब ज्ञान के दीप जलाबोन |
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रचनाकार
प्रिया देवांगन
पंडरिया (कवर्धा)
मो.- 9993243141

3 replies on “अक्षर दीप जलाबोन”

​बहुत सुघ्घर रचना हे संगी आपमन ला हार्दिक शुभकामना।

अड़बड़ सुग्घर रचना हवय प्रिया देवांगन जी…निरक्षरता रूपी राक्षत के ताकत कम होहे फेर मरे नइ हे ओला मारे बर साक्षरता के हथियार(कलम)हर हाथ तक पहुचाये के परही

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