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कहानी

अपन सुवारथ रईही त मोहलो मोहलो





आज के समे मा कोनों ककरो नई होवय ग, कोन हितवा ये कोन बईरी ये काकर सुवारथ कामे हे समझ नई परयI बिना सुवारथ के कोनो मनखे ककरो तीर नई ओधय, अईसने मोला लागथेI अब देख ले गाँव मा पिछलेच सरपंच चुनई के गोठ आय, सरपंच बने बर नंदलाल भाई ह पूछत पूछत घर आवय,भिलई ले गाँव जाव त आगू पीछू होवत रहय, आगू आगू ले गोठीयावय,बने बात बेवहार करय। फेर मेंहा समझ गे रहेव, तभो ले मेंहा वोला बोलेव देख ग नंदलाल भाई चुनई मा हार जीत लगे रहिथे, फेर अगर सरपंची चुनाव जीत जबे त गाँव के बिकास बर काम करबे, मेंहा तोर साथ हंव। अऊ बिना सुवारथ के चुनई के दिन शहर ले पांच झन मनखे ल अपनेच मोटर म बैठारके गाँव लेगेव, सबो कोई नंदलाल भाई बर वोट डारेन। नंदलाल ह बोलिस अतेक दुरिहा ले मोर खातिर आय हौ भैय्या मोटर गाड़ी के खर्चा पानी बर ये पैईसा ल रखलव, मेंहा केहेव नंदलाल भाई ये पैईसा ल तही रख अऊ जीत जबे त गाँव में बने सबो सियान के सुनता सलाह लेके बने काम करबे मोर शुभकामना हे तोला कईके, हमन भिलई आगेन।

उही रात मा मोर भाई ह फोन करके बतईस नंदलाल ह चुनई जीत गे कईके, मेंहा बड़ खुश होगेव जेन ल साथ देयेन तेन ह जीतगे कईके, बड़ दिन बाद फेर गाँव गेव, गाँव के भाठा मा नंदलाल भाई से भेंट होगे, मेंहा केहेव कस ग नंदलाल भाई का हालचाल हे, गाँव गवई और तोर सियानी के, कोनो जवाबे नईदिच महु ह घर आगेव छोटे भाई ल पुछेव। नंदलाल भाई मिले रिहिस हे कोनो बात नई करिस, त भाई बतईस झन पूछ भैय्या का बतावव गाँव में सब झन ल लड़ात हे, कोनो सियान के बात नई सुनय, गाँव में गली घुमईया मनखे मन ल दारू के धंधा करे बर सिखा दिच,दईहान के जगा ल जेला पावत हे उही ल अबादी बाटत हे,भाठा के मुरूम ल बेचके गाँव के पूरा सत्यानाश कर डारिस, मेंहा एक दिन मुरूम लेगत ठेकेदार ल देख परेव अऊ मना करेव त नंदलाल भाई ह मोला बोलिस जादा सियानी मत दिखा, मेंहा बेचे हंव काय करबे त कर लेबे कईके। महु ह पुलिस के धमकी देहव तेने दिन ले मोर सन बात नई करय, अतका सुने के बाद मेंहा नंदलाल भाई घर बईठे बर चल देंव, अऊ अपन समझ के बोलेव का सुनत हौ नंदलाल भाई तोर काम के चारों कोती मनखे मन चारी करत हे, अईसे काम कर भाई जेमे गाँव के मनखे मन के बिकास होवय,सियान के सियानी रद्दा के नाम होवय, अतका सुन के कहे बर धर लिस गाँव वाले मन जानथे भैय्या का अच्छा हे का बुरा हे मोला मत सिखा तही ह अकेल्ला मोला सरपंच नई बनाय हस, मोला का करना हे का नई करना हे तोला अऊ तोर भाई ल पूछ के नई करव।

मोर सन मते उलझव सोज बाय अपन मरजादा में राहाव मोला ककरो टोका टाकी करई पसंद नईहे, अतका सुनके मेंहा कलेचुप ओकर घर ले निकल गेव, फेर सोचेव जेन मनखे ल गाँव के बिकास करे बर मुखिया बनायेन, आज उही मनखे हमन ल गारी देवत हे। बिकास के जगा गाँवे के बिनाशे करे बर तुले हे। वाह रे मनखे सुवारथ रिहिस त आगू पीछू घुमेच,आगू आगू ले गोठीयायेच,ऐके तरिया म नहायेच, जान डरेव ग नंदलाल भाई सुवारथ बर मोहलो मोहलो, सुवारथ पूरा होईस तहा ले मेंहा कोन तेंहा कोन।

विजेंद्र वर्मा अनजान
नगरगाँव (जिला-रायपुर)
9424106787