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कबिता : नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा बधाई

pp1नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा  बधाई

पाना – डारा  के फुलगी म ओकमे झुलना झूलत सीत ल
गोरसी भरे  दंदकत डोकरी के आनी-बानी गीत ल  
संगी जंवरिहा अउ अलकरहा हीत-मीत ल  
सुख़-दुःख म पोटारे रोवईया मया पिरीत ल 
        … नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा  बधाई 
जंगल के रुख-राई, बेंदरा, भालू , बिघवा ल 
चतुरा  कोलिहा ल अउ कोटरी निमगा  सिधवा ल 
फूल के मछेव ल, डारा के मेकरा ल 
पानी के मछरी अउ बिला  के केकरा ल 
   … नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा  बधाई 
पानी-बादर, घाम-पियास, म कमावत बनिहार ल 
रोजी-रोटी बर निकले तीनचकिया बाले मनिहार ल 
नांगर -बईला साजे भिनसार के  किसान ल 
अउ  लइका के पेट बर रोटी बनइया पिसान  ल 
      … नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा  बधाई 
बैरी के गोली झेलइया अइसन परिवार के मुखिया ल 
कलपत लईका के  महतारी, बिन गोसइया के  दुखिया ल 
करेजा  पथरा करके जियइया ल 
जुग भर आँसू के धार पियइया ल 
         … नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा  बधाई 
लइकन मन के चिहुर अउ बरफ बाले के पोंगा ल
चौका-आरती,  करमा- ददरिया, भागवत सुनवइया चोंगा ल 
नंदिया म केंवट के जाल अउ डोंगा  ल 
     … नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा  बधाई 
बबा के बनाये कपाट, खुरसी,टेबिल के पटनी ल 
गुंगवावत भात संग महतारी के, लासून-मिर्चा के चटनी ल 
 मेला घूमेन चढ़के अइसन ददा के के खंधइया ल  
कोठा म हरही अउ सुरही गईया के बंधइया ल 
   … नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा  बधाई 
३६ कोटि देबी-देंवता, अन्न-जल, धरा -धाम ल 
ठिठुरत मनखे बर अमरित कस एक मूठा घाम ल 
बाढ़े-पौढ़े बर अटावत दुःख-पीरा म जिनगानी ल
सरलुगहा बोहावत नंदिया के पानी ल 
    … नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा  बधाई 
मोर मयारू देवसीर दाई के  लाठी ल 
तइहा के सुरता म गठियाये भौंरा-बांटी ल  
सुमत के संदेसिया नान-नान चांटी ल 
जिनगी के जीत म, माथा तिलक बर माटी ल 
      … नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा  बधाई 
चन्दा के सँवांगा, लोरिक के खुमरी ल 
तिंवरा, कांदा, खेढ़ा, चेंच अउ चना के घुंघरी ल 
चीला, फरा, बरा, भजिया अउ सोंहारी ठेठरी ल 
बधाई देवत ले पुरगे अइसन मोर मोबाईल के बेटरी ल 
    … नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा  बधाई 
 
ए गुरतुर गोठ के पढ़हईया जम्मो संगवारी, लेखक, कवि मन  ल 
बीमरहा लोकतंत्र / संस्कृति के ‘साहित्यिक दवई’ मन ल 
   … नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा  बधाई। 
   प्रमोद बघेल , बिलासपुर  (छ. ग.)
      08358982973
   satellite3210@gmail.com

3 replies on “कबिता : नवा बछर के गाड़ा -गाड़ा बधाई”

बहुत सुघ्घर रचना प्रमोद भाई, जम्मो ल हिरदे ले सोरियाए हस. अपन माटी बर अपन मया पिरीत अइसनेहे बनाए राख.

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