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कविता

किसानी के दिन आगे





नांगर अऊ तुतारी के
जुड़ा अऊ पंचारी के
रापा गैंती कुदारी के
मनटोरा मोटियारी के
मनबोध ला सुरता आगे
किसानी के दिन आगे ।

कबरा लाल धौंरा के
खुमरी अऊ कमरा के
आनी बानी रंग मोरा के
बांटी अऊ भौंरा के
भाग फेर जागगे
किसानी के दिन आगे ।

बादर अऊ पानी के
खपरा खदर छानी के
डोकरा डोकरी कहिनी के
लिमऊ आमा चटनी के
दिन फेर लकठियागे
किसानी के दिन आगे ।

धान खेती करइया के
जामुन लीम छईंया के
गीत ददरिया गवइया के
गोंदली बासी अमरईया के
सबके मन उम्हियागे
किसानी के दिन आगे ।

गजानंद प्रसाद देवांगन
छुरा