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गज़ल : छत्‍तीसगढ़ी गज़ल संग्रह “बूड़ मरय नहकौनी दय” ले 3

आम – लीम- बर- पीपर – पहिरे छत्तीसगढ के सबो गॉंव
नदिया नरवा पार म बइठे छत्तीसगढ के सबो गॉंव ।

धान-बौटका कहिथें सब झन किसम किसम के होथे धान
हरियर – हरियर लुगरा पहिरे छत्तीसगढ के सबो गॉंव ।

हर पारा म सुवा ददरिया राग सुनावत रहिथे ओ
संझा कन जस गीत ल गाथे छत्तीसगढ के सबो ग़ॉंव ।

भिनसरहा ले गॉंव के फेरी भजन- मण्डली करथे रोज
देश के पोटा म लुकाय हे छत्तीसगढ के सबो गॉंव ।

‘शकुन ‘ जगावव जमो गॉंव ल गॉंव म बसथे भारत मोर
खनखन खनखन धान उगलत हे छत्तीसगढ के सबो गॉंव ।

शकुन्तला शर्मा , भिलाई [ छ ग ]
shaakuntalam.blogspot.com

“बूड्र मरय नह्कौनी दय” (छत्‍तीसगढ़ी गज़ल संग्रह) से

“बूड्र मरय नहकौनी दय” (छत्‍तीसगढ़ी गज़ल संग्रह) से

One reply on “गज़ल : छत्‍तीसगढ़ी गज़ल संग्रह “बूड़ मरय नहकौनी दय” ले 3”

गंव के भाखा अऊ गांव के चित्र ।
अइसन ढंग ले प्रस्तुत करे हव लगत हे बिचित्र ।।

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