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छत्तिसगढ़ महतारी के बन्दना : दानेश्वर शर्मा के गीत





छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइयॉं
अब्बड़ घन हे तोर अँचरा के छइहाँ
सुर्रा सॉही महानदी
पैरी जस इन्द्रावती
अउ शिवनाथ हे मुरुवा के हर्रइयॉ
छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइयाँ

सिरि भगवान दमउ दहरा म रिसभ देव अवतार लिहिस
रिसि वशिष्ठ भार्गव अगस्त्य के तपोभूमि सरगुजा रिहिस
दसरथ घर पुत्रेष्टि करइया श्रृंगी
रखिस सिहावा परवत म आसन्दी
दुन कैलाश अमरकंटक
जिहाँ के गोबिन्द गुरुसाधक
आदि शंकराचार ल ग्यान देवइया
छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइयाँ

सिरपुर साखी हमर साख के, राजिम के राजिव लोचन
चम्पारन के बल्‍लभचारी, बगराइस वैष्णव दरसन
डोंगरगढ के जय बमलाई माता
रामगिरि सँग कालिदास के नाता
भरत मुनी के लक्ष्मनपुर
गुफा म छापा सिंहनपुर
भितिया भितिया म इतिहास लिखइया
छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइयाँ

दान देवइया घात अकउहा, करन ले जादा बीर रिहिन
दाई ददा अपन लइका ल ठाढ़ आरा म चीर दिहिन
पहुना मन के अतका जादा आदर
मोरध्वज ले भला कोनहे आगर
दूसर कहिनी शवरी के
राम के भगतिन डोकरी के
जूठा बोईर म भगवान रिझइया
छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइयाँ

हीरा देवभोग म बगरिस अउ इस्पात भिलाई म
सूर के बाना धरिस कोरबा मातर कस अटियाई म
वाल्मिकि के आश्रम इहें सुहावन
सीता के ऑखिन के भादो सावन
लवकुस जिहां जनम पाइन
राम घलो बर बगियाइन
अनियायी बर चण्डी कस तमकईया
छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइया

धरमदास के बखरी-बारी करमभूमि रविशंकर के
लोचन पांडे ग्यानी ध्यानी जनवइया सब अक्षर के
घासीदास के जिनगी के दरसन
ठाकुर प्यारेलाल सिंह के गरजन
बीर नरायन के करतब
ठाकुर छेदीलाल गजब
मुरदा मन म घलो जीव फुंकवइया
छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइयाँ

खैरागढ म खिले फूल हर दुनिया भर म जब महकिस
आगी तब के सोन्ना साँही पदुमलाल बख्‍शी चमकिस
कुंजबिहारी चौबे के बोली म
धान कटोरा वाले सब डोली म
चल मोर भइया चल चल चल
बियासी के नांगर चल चल चल
हीरा मोती जस अनाज उपजइया
छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइयाँ

बनिस मुकुट धर पांडे छायावादी कविता के बरम्हा
छत्तिसगढी़ सरोवर म कवि सुन्दरलाल रिहिस खम्हा
माधवराव, बलदेव मिसिर के जन्तर
विप्र अउ कोदूराम दलित के मन्तर
अत्रि ले आत्मानंद तक
भक्ति ग्यान के कथा अथक
महानदी सँग अरपा के गलबइहाँ
छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइयाँ

हीरालाल देवइया धरती धन्य धाम हे धरमतरी
एक चक्रधरसिंह ल पाके बनिस रायगढ़ भोजपुरी
डॉक्टर खूबचन्द जस सुघ्‍घर बेटा
माटी खातिर बाँधिस मुड म फेंटा
अड़बड़ बंदव मैं ओला
अरपन तन मन धन ओला
दवना पाना म सिंगार रचइया
छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइयाँ

किरिया खांवव मिल जुल के सब माटी के करजा छुटबो
जोन छाती ह दूध दिए हे, ओखर पत निच्चट रखबो
किरिया हे दन्तेश्वरी मइयां के
महमाया अउ खल्लारी मइया के
बता रतनपुर तहीं बता
दण्डक भोरमदेव बता
जाँजगीर मल्हार बता
कुदुरमाल भंडार बता
काकर जस के धजा अगास छुवइया
छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइयां

दानेश्वर शर्मा



One reply on “छत्तिसगढ़ महतारी के बन्दना : दानेश्वर शर्मा के गीत”

जय जोहार ,बहुत सुघ्घर

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