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कविता

छत्तीसगढ़ी तांका

1. का होगे तोला
मन लइ लागे हे
काम बुता मा
कोनो चोरा ले हे का
मया देखा के।

2. मया के फांदा
मैं हर फसे हंव
आंखी ला खोले
निंद मा सुते हंव
देखत ओला ।

3. तोर आंखी मा
उतर के देखेंव
थाह नइ हे
डूबत हंव ओमा
मया के मारे ।

4. दिल हरागे
मया मा सना के गा
बेजान देह
गारी देवा के गल्ला
का मतलब ।
Ramesh Chouhan
रमेशकुमार सिंह चौहान
मिश्रापारा नवागढ,
जिला-बेमेतरा
मो 9977069545