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गोठ बात

छत्तीसगढ़ी फिलिम अउ संस्कृति

‘हमला अपन आप ला बदले के जरूरत नइए भलूक अपन आप ला चिन्हे के जरूरत हे। छत्तीसगढ़ म जउन छत्तीसगढ़िया फिलिम बनत हे ओमा धियान राखन कि कोनो भी दत्त खिसोर मन आके फिलिम बनाके हमर परम्परा के कबाड़ा झन करंय। ओला निर्माता निर्देशक अउ फिलिम के जम्मो पदवी ल लेय के अधिकार हे। फेर आम छत्तीसढिया मन ला बिगाड़े के अधिकार नई हे।’
संस्कृति परम्परा अउ वीर शहीद महान मन के पावन पबरीत माटी छत्तीसगढ़ म चापलूस, आडंबरबाज अउ अंधरा दउड़ दउड़हत बइपारी मन के सेखिया दिनोंदिन बाढ़हत जावत हे। ये हमर छत्तीसगढ़ महतारी बर भारी चिंता के बात आय।
बड़े-बड़े महान सख्त मन के देखे राज छत्तीसगढ़ सबले अस्तित्व म आय हे। तब ले देखब म सुनब म मिलत हे कि कोनों भी इहां कुछु भी परयोग करत हे। परयोग करइया मन ल अऊ तथाकथित बिग्यान के बिग्यानिक मन ला छत्तीसगढ़ के आम छत्तीसगढ़िया के डहर ले चेतावनी हे कि वोमन अइसन कोनो परकार के परयोग झन करंय नहीं ते अलकरहा हो जाही। अब अऊ अपन गोठ ला फरियावत कहिहुं कि मोर भेंट एक फिलिम के सहायक निर्देशक के संग होइस वोला मोर ले तड़क-भड़क कहानी संवाद अउ गीत के आसा रिहीस। मंय कहेंव भइया अभी हमन हा अतक एडवांस नई होय हन, थोरिक इच्छा ला कमती करव। ओमन पलट के जवाब दीन कि मोला संस्कृति परोस के भूख नई मरना हे। मोला मिलगे बात जउन मंय खोजत रहेंव। तपाक ले जवाब देंव कि आप मन मोला ये बतावव कि अइसे कोन से फिलिम हे जउन हा संस्कृति अऊ मर्यादा म प्रस्तुत होके फ्लाफ होय हे अऊ फेर मंय अइसन सुग्घर फिलिम के तड़-तड़-तड़-तड़ नाव गिन देंव। तुरते ओहा पलट के कहिथे कि अब मय डायरेक्टर बन सकथंव अउ तंय कहानी लिख पूरा फिलिम लिख हमला अपन आप ला बदले के जरूरत नइए। भलूक अपन आप ला चिन्हे के जरूरत हे। छत्तीसगढ़ म जउन छत्तीसगढ़िया फिलिम बनत हे ओमा धियान राखन कि कोनो भी दत्त खिसोर मन आके फिलिम बनाके हमर परम्परा के कबाड़ा झन करंय। ओला निर्माता निर्देशक अऊ फिलिम के जम्मो पदवी ल लेय के अधिकार हे। फेर आम छत्तीसढिया मन ल बिगाड़े के अधिकार नई हे। हमला जइसन खाना मिलही उही ल तो खाबो धियान राखव कि हमला बने जीनीस पोरसंय। छत्तीसगढ़ी फिलिम के भविष्य सुग्घर हे त कलाकार अपन भविष्य म धियान देवंय। डिफाल्टर निर्माता अऊ संस्कृति के दुश्मन ले दुरिहा के ऐतिहासिक कृति के रचना करंय।
चम्पेश्वर गोस्वामी