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कहानी

जलदेवती मैय्या के वरदान

एक गांव म एक साहूकार रहय। साहूकार के सोला साल के सज्ञान बेटी रहय। साहूकार के पूरा परिवार धार्मिक रहय। साहूकार के दुवारी मं आय कोन्हो मंगनजोगी कभु दुच्छा हाथ नई जाय। भूखन ला भोजन देना, पियासे ला पानी पिलाना अउ भटके ला रस्ता बताना साहूकार के परिवार अपन धरम समझे। साहूकार के बेटी निसदिन अपन कुल देवता के पूजा पाठ करके दान पुण्य करे। कुछ दिन बाद लड़की के बिहाव दूसर राज के साहूकार के लड़का संग होगे। ससुरार जाय के पहिली लड़की ह मन लगाके कुल देवता के पूजा पाठ करीस। तब कुल देवता लड़की के भक्ति भाव ला देख के खुस होके परगट होगे। कुल देवता ला अपन आघू म सउहत देखके लड़की देवता के चरण म गिरगे। देवता लड़की ला उठाके किहिस, बेटी मैं हा तोर भक्ति ले खुस हंव तोला जउन वरदान मांगना हे तउन ला मांग ले। लड़की ह किहिस भगवान मोर ससुरे मइके दूनो ठौर म अनधन के भंडार भरे हे। मोला कुछु बात के दुख नइहे, मैंहा काय वरदान मांगहू। मोला कुछ वरदान नइ लागे। लड़की के बात ला सुनके देवता ह कुछ वरदान मांगना पड़हीच कहिके जिद करे लागिस। आखरी म लड़की किहिस भगवान मोला वरदान देना हे तब अतेक वरदान देव मैं हा ये दुनिया मं आवत जावत जीव ला देंखव? देवता किहिस- बेटी अइसन अलकरहा वरदान झन मांग, दुनिया मं आवत-जावत जीव ला कोन्हो नई देख सके अउ कुछु दूसर वरदान मांग ले। अब लड़की अपन जिद मं अड़ गिस। मजबूर होके देवता किहिस ये वरदान मैं देबर देहूं फेर येला कोन्हो ला बताबे नहीं। लड़की के मनवांछित वरदान दे के देवता अछप होगे। अपन मन मुताबिक वरदान पाके लड़की बहुत खुस होगे।
कुछ दिन बाद लड़की ह मइके ले विदा पाके अपन ससुराल चल दिस। लड़की के सास-ससुर निचट कंतरी रहय। दान-पुन, भक्ति-भाव, पूजा-पाठ, कुछ नइ जाने। घर मं आय मंगल जोगी ला मार गारी दे के भगा देवयं। ससुराल के रंग-ढंग ला देखके लड़की बहुत दुखी रहय। सास-ससुर अउ पति के नजर बचाके दान धरम, पूजा पाठ करे। असइने-अइसने बहुत दिन बीतगे। एक दिन लड़की के सास-ससुर मरगे उखर जीव ला यमराज मारत-पीटत लेगिस। उंकर जीव के दशा ल देखके लडक़ी ला हांसी आगे। लडक़ी ला हांसत देख ओखर पति भड़कगे अउ हांसे के कारण पूछिस, लड़की बात ला टाल दिस। कुछ दिन बाद उही गांव के एक झन धरमी चोला घसिया मरगे। घसिया के जीव ला भगवान बढिया विमान म बइठार के सम्मान से लेगिस। घसिया के जीव के दशा देखके लड़की सोचिस हे भगवान मोर जीव ला अइसने रथ मं बइठार के लेगबे। अइसने सोंचत-सोंचत लड़की रो डारिस। लड़की अउ घसिया के अवैध संबंध होय के शंका करके लड़का अपन बाई ला मार-पीट के घेरी-बेरी रोय के कारण पूछिस। लड़की बताबे नइ करिस। लड़का पंचायत सकेल डारिस। पंचायत वाला मन लड़की ला पूछिन तब लड़की सब ला बता दिस अउ देवता के कहे मुताबिक प्राण ल त्याग दिस। लड़की के जीव ला भगवान विमान म बइठार के सम्मान के संग लेगिस। लड़का ला अपन गलती बर बहुत पछतावा होईस।
लड़का रो-रो के अपन बाई के मौत माटी करिस। अपन घर के सब धन दौलत ला अपन मितान ला सौंप के घर ले निकलगे। लड़का येती ओती भटकत-भटकत एक गांव मं पहुंचगे। गांव मं एक बनिया रहय लड़का बनिया घर नौकर लगगे। बनिया के दू झन बेटी भर रहय बेटा नइ रहय। बनिया उही लड़का ला अपन बेटा समझे अउ लड़की मन भाई। लड़का बनिया घर बढ़िया खावत कमावत रहय। बनिया व्यापारी आदमी वोहा अपन नौकर लड़का ला घला व्यापार करे के नियम धियम बताके वोला पक्का व्यापारी बना दिस। अब लड़का बजार-बजार घूम के जीरा, धनिया बेंचे। संझाती सब पइसा ला लाके बनिया ला दे दे। अइसने-अइसने समय कटत रहय। एक दिन बनिया किहिस- बेटा आज जल्दी जा के बाजार ले जल्दी लहुट जबे दिन बुड़े के पहिली घर आ जबे। लड़का हव कहिके गाड़ा मं जीरा, धनिया जोर के बाजार जाय बर निकलगे।
बजार मं पहुंच के लड़का दिन भर जीरा-धनिया बेचिस वो दिन बिक्री बट्टा बहुत बढ़िया होइस। आखरी म थोड़ा बहुत बांचे समान ला धरके घर आय बर बाजार ले निकलगे। गाड़ा ठउका नदिया खड़ म पहुंचिस अउ दिन बुड़गे। लड़का थकगे रहय, बनिया के बताय बात ला लड़का भुलागे अउ नदिया खड़ के एक पेड़ खाल्हे मं रात बसर करे बर रूकगे। भोजन बना के खा-पी के लड़का पेड़ खाल्हे म जठना जठाके सुतगे। नदिया खड़ म मसान घाट रहय अधरतिया होइस तहन मसान घाट के भूत-प्रेत मन निकल के पेड़ खाल्हे सुते लड़का तीर आगे। गाड़ा म माढे बोरा मन ला खोल के देखिन। जीरा, धनिया महर-महर ममहावत रहय। भूत-प्रेत मन बोरा मं सोना-चांदी भरके गाड़ा मं मढ़ा दिन अउ अछप होगे।
बिहनिया लड़का उठिस। नदिया म नहा धो के खाना बनाके खइस पिस अउ गाड़ा फांद के घर के रस्ता धरिस। बेरा चढ़ती म लड़का अपन घर पहुंचिस घर के सब मनखे लड़का के अगोरा करत रहयं। लड़का अइस तहन बनिया बहुत खुस होगे। बनिया के बेटी मन घला अपन भाई ल देख के खुश होईन। लड़का गाड़ा मं माढ़े बोरा मन ला उतार के भीतरी म लेगिस। उतारे के बेरा बोरा मन गजब गरु लागिस। लड़का सोंचिस रे मैंहा तो बोरा म जीरा धनिया धरे रहेंव, जीरा धनिया अतका गरु नइ रहय। लड़का ये बात ला बनिया ला बतइस। बनिया बोरा ला खोल के देखिस तब आंखी चौंधियागे। बोरा म सोना-चांदी भरे रहय।
बनिया लड़का ल पूछिस बेटा जीरा-धनिया के बोरा म सोन-चांदी कहां ले आगे। पिताजी मैं हा तो कुछु नई जानव, काली घर आवत रहेंव, सांझ होगे रिहिस तिही पाय के नदिया खड़ के पेड़ खाल्हे रतिहा बसर करके बिहनिया ले घर आवत हव अउ बोरा म सोना-चांदी ला कोन भरिस तउन ला। काय करना हे हमन ला तो सोना-चांदी मिलगे कहिके बनिया सब सोना-चांदी ला अपन तिजोरी मं भर दिस। अइसने कुछ दिन बीतगे। एक दिन लड़का फेर बाजार गिस अउ संझाती नदिया खड़ के उही पेड़ के खाल्हे मं रुकगे। बना-खा के लड़का सुतगे। अधरतिहा नदिया ले जल देवी मैया निकल के लड़का तीर पहुंच के वो ला उठाइस। लड़का अपन आघू मं सोला श्रृंगार करे सुन्दर नारी ल देखके डेर्रागे। जल देवती मैया अपन परिचय दे के किहिस- बेटा तैंहा डर्रा झन मैं हा जल देवती मैया आवं तोर मदद करे बर आय हंव। तैंहा ये ठौर मं काबर सुते हस। अरे ये तो श्मशानघाट आय इहां भारी भूत-प्रेत के डेरा हावे। भूत-प्रेत मन कोन्हो तोला सुते देखही तब आके तोला मार डारही। तैं हा अभी गाड़ा फांद के अपन घर जा। रस्ता म कोन्हो परकार के भय-डर झन करबे। मैंहा तोला घर पहुंचाय म मदद करहूं, मोर डहर ले ये दे एक ठन लुगरा ले जा, ये लुगरा ला जल देवती मैय्या के चिनहा समझके अपन घर ले जा कहिके जल देवती मैय्या एक सुन्दर लुगरा ला लड़का ला दे दिस। जल देवती मैया के बात मान के लड़का तुरते गाड़ा फांद के अपन गांव के रस्ता मं आघू बढ़गे। रात भर गाड़ा खेदिस अउ बिहनिया ले घर पहुंचगे।
घर म जाके नहा धोके खइस-पिइस अउ घर के सब मनखे ला रतिहा घटे घटना ला बता दिस। सुनके सब दंग रहिगे। लड़का जलदेवती मैय्या के दे लुगरा ला बनिया के बड़े बेटी ला दे दिस। लुगरा के सुन्दरता देख के दोनों बहिनी मोहागे। अब बड़े लड़की लुगरा ला अपन पहिनहू कहय अउ छोटे अपन पहिनहू कहय। लुगरा के नांव ले के दूनो बहिनी झगरा होवयं। झगरा ला देख बनिया, लड़का ला किहिस बेटा- ये लुगरा बर तो तोर दूनो बहिनी मनमाने झगरा होवथें तेखर ले तैं हा एक काम कर एक ठन अइसने लुगरा अउ लान दे। सुनके लड़का सोच म पड़गे कि अइसने लुगरा कहां ले लाववं। ये लुगरा ला तो मोला जलदेवती मैय्या दे रिहिस हे। कुछ दिन बाद जब लड़का फेर बाजार गिस तब लहुटती नदिया खड़ के उही मेर के खाल्हे रात रुकगे। अधरतिहा फेर जलदेवती मैय्या परगट होके लड़का ला किहिस- बेटा तैं हा पहिली एखर रात रूके रहे तब मैंहा तोला चेताय रहेंव कि इहां रात झन रूके कर ये जगह म भूत-प्रेत रहिथे फेर तैंहा नइ माने अउ फेर इही जगह रात रहिगे। लड़का दूनो हाथ ला जोड़ के सब बात ला बता के पहिली लुगरा के जोड़ी लुगरा मांगिस। लड़का के मांग ला सुन के जल देवती किहिस, बेटा वो लुगरा के जोड़ी मैंहा कहां ले लाववं। वोला तो मैंहा मइके गे रहेंव तब बैकुंठ म भाई मन मोला दे रिहिस। मोर संग बैकुंठ जाबे। तब लुगरा के जोड़ी भले मिल जही। लड़का जलदेवती मैय्या संग बैकुंठ जाय बर तैयार होगे। जलदेवती मैय्या अपन विमान म बइठार के लड़का ला बैकुंठ लेग गे। पहिली लड़का ला नरक घुमाइस।
नरक मं सब जीव अपन-अपन कर्मफल भोगत रहयं। नरक के बाद जलदेवती मैय्या लड़का ला सरग देखाइस। सरग म सब धरमात्मा जीव मन सुख भोगत रहयं। लड़का के घरवाली घला सरग मं राज करत रहय। लड़का अपन घरवाली ला चिन्ह डारिस अउ लड़की घला अपन पति ला पहिचान डारिस। लड़का देखिस जउन लुगरा ला जलदेवती मैय्या वोला दे रहय तउन लुगरा ला वोकर घरवाली पहिरे रहय। लड़का ह जलदेवती मैय्या ला सब बात ला बता दिस। जलदेवती मैय्या सब देवता मन ले अरजी बिनती करके लड़की-लड़का ला अपन विमान म बइठार के जल देवती मैय्या फेर दुनिया म आगे। अउ उही रूख खाल्हे दूनो झन ला छोड़ के जलदेवती मैय्या अछप होके नदिया के पानी म समागे। अब दूनो जुग-जोडी घोड़ा म सवार होके बनिया घर आगे। लड़का संग नवा नेवन्नीन लड़की देखके बनिया के पूरा परिवार अकबकागे अउ संसो मं पड़गे। सब ला संशो म पड़े देख के लड़का सब बात ला साफ-साफ बता दिस। बनिया परिवार के मंशा पाप कटगे। अब लड़का बनिया घर ले नौकरी छोड़ के अपन राज जाय के आज्ञा मांगिस। बनिया बाजा-गाजा संग लड़की-लड़का ला अपन घर ले बिदा करिस।
लड़की लड़का दूनो अब अपन राज म अपन गांव पहुंचगे। मरे लड़की ला जियत देख गांव वाला मन दंग रहिगे। मरे लड़की जीगे कहिके राजभर हल्ला होगे। लड़की-लड़का ला देखे बर राज भर के मनखे सकलागें। लड़का सब झन ला अपन राम कहानी सुना दिस। सच्चाई जान के सब खुस होगें। बाजा-गाजा संग नाचत-गावत, जलदेवती मैय्या के जय बोलावत गांव वाला मन लड़की, लड़का ला परघा के ओखर घर पहुंचादिस। लड़का के मितान फेर घर के ताला चाबी सबला लड़का ला सौंप दिस। लड़की लड़का सुन्दर मजा के खइन कमइन राज करिन।

वीरेन्द्र सरल
बोड़रा मगरलोड
भोथीडीह, धमतरी