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कविता

डॉक्टर अउ कवि

मैं हरखराम पेंदरिया ‘देहाती’
गेयेंव डॉक्टर के पास
डाक्टर मोला देख के
अड़बड़ परसन्न होगे
सोचिस
शगुन बढ़िया दिखते हे आज
रिटायर्ड हेड मास्टर आय
अड़बड़ रुपया-पईसा हे येकर पास।
मोला देख के डॉक्टर ह पूछिस-
का तकलीफ हे तोला खास
अतका सुनेंव तहां ले में ह
काली मे ह एक ठक नवा कविता
लिखे रेहेंव
वोकर करन लगेव सत्यानाश।
येला देख के
घबरा गे डॉक्टर साब
बोलिस- ये का करत हच मोर बाप
मे तोला कविता सुनाए बर नई कहें हव
तोला का बीमारी हे
येला बता साफ-साफ।
में बोलेंव
डॉक्टर साहब
मोला कविता सुनाए के बीमारी हे
ऐकरे इलाज कराए बर
आय हांवव तोर पास।
हरखराम पेंदरिया ‘देहाती’
श्रीरामंदिर रोड
महासमुन्द