Categories
कविता

तीजा लेवाय बर आही

एसो आषाढ़ के पहिली तीजा
लेवाय बर तोर भाई आही
दाई के मया ददा के दया
सुरता के सुध लमाही

मोटर फटफटी म चघाके
तोर लेनहार तोला लेजाही
जोर के जोरन कपड़ा लत्ता
मोटरा खसखस ले भराही




तीजा मानके तुरते आबे
घर दुवार सुन्ना पर जाही
आरो खबर लेवत रहिबे “माया”
तोर सुरता अब्बड़ सताही

तोर बिना घर सुन्ना रहि
मैंय कईसे दिन ल पहाहुं
नयना तरसहि तोला देखे बर
हिरदय ल अपन मनाहुं!!

सोनु नेताम “माया”
रुद्री नवागांव धमतरी