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कविता

तोला देखत रहिथवं

तोला मैंय देखत रहिथंव “माया”,
दिन अउ रात मैंय तोला देखत रहिथंव!!

पुन्नी के चंदा कस तोर चेहरा चमके वो,
गोंदा के फुल ह तोर खोपा म महके वो!!

तैंय मोर चंदा चकोर असन दिखत हस,
अउ भौउंरा कस महक ल मोर लेवत हस!!

तोर माथा के टिकली बिजली असन चमके वो,
गर के तोर माला हीरा असन चमके वो!!

तोला मैंय देखत रहिथंव “माया”,
दिन अउ रात मैंय तोला देखत रहिथंव!!

सोनु नेताम”माया”
रुद्री नवागांव धमतरी