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गोठ बात

दारू बंदी के रद्दा अब चातर होवत हे

 हमर प्रदेस मा चारो मुड़ा कारखाना उपर कारखाना लगत हावय, धान के कटोरा छत्‍तीसगढ़ मा किसानी जोंत के रकबा दिनो-दिन घटत जावत हावय। सहर ले लगे गांव-खेत मन ला बिल्डिंग हा लीलत हावय अउ जंगल-ड़ोंगरी के जमीन मन ला कारखाना हा लीलत हावय। बांचे खोंचे किसानी के जमीन हा कारखाना के चिमनी ले उड़ात करिया राखड़ अउ प्रदूसन ले पटर्रा भांठा होवत जावत हे। कारखाना वाले मन पइसा के बल मा सइघो नदिया अउ बांधा जईसे ला बिसा के पानी के प्राकृतिक संसाधन ला सिरवात हावंय। कारखाना बर सरकार अउ बेपारी किसान के जमीन बिसावत हावय, जमीन बेंचई मा छोटे-बडे़ किसान मेर सामरथ ले जियादा, बेसमय, अंधेर पईसा आ गे हे। पइसा के गरमी ला अंधेर किसान मन पचा नई पात हें। मुआवजा ले मिले पईसा ले चना मुर्रा कस फटफटी बिसावत हावय अउ फटफटी के पाछू भूतपूर्व किसान लिखवा के पईसा ला दारू म उड़ावत हावय। दारू के निसा मा फटफटी कुदई ले कतको झन मोटर-गाड़ी मा झंपा के सरग सिधारत हावय त कतको झन ला बिमारी पोटार लेवत हावय। अभी के हालत मा दारू के नसा ले गांव के मजदूर-किसान मन के चेत हेरा गे हे, उमन ला अपन लईका-बच्‍चा के भविस के चिंता फिकिर नई हे। घर के माई लोगन थोरकुन बात ला समझावत हावय त उहू ला दे कुटेला पिटई करत हें बिचारी दाई-दीदी मन के घलव मरना होगे हे। गांवों-गांव खुले दारू भट्ठी अउ गली मोहल्‍ला म बईठे कोचिया मन के मारे अपन घरवाले, भाई, बेटा मन ला  दारू म बरबाद होवत देखत हावय।
प्रदेस मा दारू के बाढ़त नसा मा फदके जनता मन ला देख के पाछू दिन छत्‍तीसगढ़ आये योग गुरू बाबा रामदेव हा कहिस कि ‘छत्‍तीसगढ़ ऋषि पुत्रों की भूमि नहीं अब यह सिसी पुत्रों की भूमि हो गई है’। सिसी चढ़ईया, निसा मा बूड़े समाज के ये दसा ला देख के नारी सक्‍ती हा पहिली आघू आईन, गांव के दाई-दीदी मन पहिली छुटपुट बिरोध करत रहिन। दू के चार होवत पीरा झेलत महिला मन अब दारू के नसा के बिरोध मा आघू आके कछोरा भिर के खड़ा होवत दिखत हें। महिला मन के अंतस मा बरत ये आगी के आंच हा अब सरकार के कारिंदा मन तक घलव पहुचत हावय। ये बात बड़ सहराए के हे कि जनता के दुख पीरा ला समझ के नेता घलव आघू आवत हें, अउ नसा के बिरोध मा जन भाव जगावत हें। नसा नास के जर ये, झन पीहू सराब तुम होहू खराब के नारा देवईया भाई अशोक बजाज हा समाज मा सराब के खराबी ला बताये खातिर जन जाकृति लाए बर जोरहा प्रयास करत हांवय, उंखर ये प्रयास मा सहजोगी बनत हांवय धरसींवा के विधायक देवजी भाई पटेल।
महिला मन के बिरोध मा कदम ले कदम मिलईया देवजी भाई पटेल हा बाढ़त कारखाना ले बाढ़त प्रदूसन के खिलाफ तको अपन जोरदरहा बिरोध परगट करत रहे हे। देवजी भाई पटेल के ब्रेवरेज कारपोरेसन के अधियक्‍छ बने के तुरते बाद, सरकार डहर ले ये जानकारी आईस, कि सरकार हर प्रदेस के 250 दारू दुकान ला बंद करे के फैसला लेहे हे, येमा सरकार ला करोड़ो रूपिया के राजस्‍व हानि होही अउ सरकार के बजट गड़बड़ा जाही। प्रदेस के मुख्‍य मंत्री डॉ.रमन सिंह अउ विधायक देवजी भाई पटेल के ये फैसला ला सुन के प्रदेस के जनता खुस हे, ये फैसला मा भले सरकार ला राजस्‍व हानि हे, फेर येमा खुसहाली आही कोनो टेक्‍स प्रदेश के जनता ला बीमार कर के नई वसूले जाए। अइसन दाई-दिदी मन जेखर घर ला, ये दारू ह बरबाद कर दे हे, तउन मन के मन मा अब संतोस के सांस हावय। बाढ़त दारू भट्ठी अउ कोचिया के गिनती मा लगाम लगाये के सरकार के अभीन के ये उदीम हा संकेत देवत हावय कि हमर प्रदेस हा दारू बंदी के रद्दा मा अब पांव उठावत हे। अब वो दिन ज्‍यादा दूरिहा नई हे जब जम्‍मा छत्‍तीसगढ़ मा दारू बंदी हो जाही।

संजीव तिवारी


फोटू भाई राजकुमार साहू के ब्‍लॉग ‘चिंतन‘ ले साभार (शीशी-बोतल तोड़ दो, दारू पीना छोड़ दो) 

3 replies on “दारू बंदी के रद्दा अब चातर होवत हे”

सुग्घर लिखे हव . रमन सरकार के फैसला सहराए के लायक हवय. सही समय म सही फैसला. फेर सीसी पुत्र मन ला घलव समझाए के ज़रूरत हवय.

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