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कविता

दु आखर स्वास्थ्य के गियान

मोर बताये रस्ता देहु तुमन धियान
दु आखर स्वास्थ्य के, बतावत हौ गियान।
होही पतला दस्त इलका के,
जेकर ले झन घबरा।
चुटकी भर नून, चम्मच भर शक्कर
एक गिलास पानी घोल बनाव।
घेरी-बेरी पानी लइका पिलाव।
नई मिले तव पेज अउ नून डारके पिलाव।
मोर बाये रस्ता देहु तुमन धियान।
दु आखर स्वास्थ्य के, बतावत हौ गियान।
दस्त के संग खून हर जाय।
आॅखी मुंह खुसरे दिखय, माथा पिराय।
रोय आंसू गिरे, मुंह हा सुखाय।
रूके पिसाब तव डाक्टर ला दिखाव।
मोर बाये रस्ता देहु तुमन धियान।
दु आखर स्वास्थ्य के, बतावत हौ गियान।
संझा बिहनिया दस्त नई रूकै,
तुरते अस्पताल लेजाव।
बेरा झन चुकै संगी, तुरते इलाज कराव।
हर परिवार ला रोग मुक्त बनाव।
मोर बाये रस्ता देहु तुमन धियान।
दु आखर स्वास्थ्य के, बतावत हौ गियान।

राजकुमार वर्मा
बिल्हा