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कविता

ननपन के सुरता : बाल भारती

स्‍कूल खुले के दिन एक जुलाई अउ तईहा के दिदन के बाल भारती के सुरता। जब  राहुल भईया ह अपन ब्‍लॉग सिंहावलोकन म ए बाबत छापिस त मेकराजाला के हमर भाखा बोलईया जम्‍मो संगवारी के मन भंवरा नाचें लागिस। राहुल भईया के बाल भारती ला पढ़ के, अपन ननपन के पढ़ई के बीते दिन ला सुरता करत, हमर मयारू हेमंत भाई हा हमला गुरतुर गोठ बर ये कबिता भेजे हे, आपो मन पढ़व अउ अपन असीस देवव –
ननपन के सुरता

बाल भारती, गणित, पट्टी कलम
घनघोठहा
चुमढ़ी के झोला
झिल्ली
के मोरा
स्कुल जावत
पान रोटी
अथान चुचरई
चाबत कलर के
बकरम
दू बेनी
चेथी म
बोहावत तेल
खपरा स्कुल
पीतल घंटी
पराथना
जय हिंद गुरूजी
सरसती माता
महातमा गाँधी
किताब
विद्यया
पांव पर बे
फुटगे पट्टी
पटकिक पटका
एक्की छुट्टी
आमा अमली
गिरई
लाटा
खी
मी
थोरिक रिस
छुट बकई
कलम के

डउका
कबे का ?
रोगहा
बेसरम सुटी
कनबुच्ची
एक
एकम
एक
एक
पंचे
छै
छुट्टी छुट्टी छुट्टी छुट्टी

हेमंत वैष्णव
रायपुर