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कहानी

नान्हें बियंग कहिनी: मोला कुकुर बना देबे

Vijendra Kumar Vermaपक्का मकान के आघू म एक ठन झोपड़ी म औरत ह अपन लईका ल भुलवार भुलवार के हड़ीया म सीथा ह चिपके रिहिस हे,तेला खवावत रहायI लईका ह नानुक अघाय भूखाय सीथा म पेट ह नई भरत रिहिस,अऊ घेरी बेरी दौड़त दौड़त पक्का मकान ल झांक के आवय Iओकर माई ह काहते रहाय काबर घेरी बेरी येती वोती भागत हस बेटा,त लईका ह बोलथे,माई एक ठन सवाल पुछव,पूछ बेटा फेर ज्यादा इतरा मत जेन हे वोला चुपे चाप खा Iलईका ह बोलथे माई,माई मनखें मन के अऊ दुबारा जनम होथे का, हव बेटा होथे काबर पूछत हाबस बेटा,मेंहा माई दूसरा जनम म भगवान् ल बोलतेव कि मोला कुकुर बना देतिच I कुकुर ल न माई पक्का मकान के मालिक ह पोसे ह त वोला रोटी,भात दाल साग,अऊ अंडा तको खवाथेI रोज वोला साबुन म नहलाथे,फेर वोला कार म घुमाय बर जाथे Iअऊ वोला जर आथे त डाक्टरे ह कुकुर करा आथे,अऊ ओकर खाय के थारी म अबड़ अकन भात के सीथा ह बाचे घलो रहिथेI तेकरे सेती मोला कुकुरेच बना देतिच काहत हौIअतका सुन के ओकर माई ह एके टक देख के अपन लईका ल पोटार के अपन फुटहा करम ल मने मन कोसत रिहिस हे I

विजेंद्र कुमार वर्मा
(भिलाई से.-4)
नगरगाँव वाले
मो.नं- 9424106787

7 replies on “नान्हें बियंग कहिनी: मोला कुकुर बना देबे”

अड़बड़ सुग्घर बियंग हे वर्मा भैया आपके बधाई हो आपला

जय राम जी की
बड दिन बाद यईसे बियंग पड़े बार मिलीसे मोला अड़बड़ सुग्घर लागीस आपमान धन्यवाद के पात्र हो

गरीबी के दुख ल बढिया उजागर करे हो भैया जी |
बधाई हो !

आजकाल के समाज के इही असल चेहरा आवय बड़े भाई……एक पइत अउ बधाई

बहुत बड़िया हे भाई आप मन के ब्यंग ह।

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