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गीत

बारो महीना तिहार

बारो महीना तिहार के बहार।
आगे आगे तिहार अऊ तिहार।

चइत महिना आगे नवरात्रि आगे।
जोत बरे घरो घर जंवारा बोंवागे।
दुरगा दाई के सेवा ला बजाले।
राम जनम सुख सोहर के बहार।

आगे आगे तिहार अऊ तिहार।

बइसाख महिना आगे बर बिहाव आगे।
फूटगे फटाका बरतिया सकलागे।
गंड़वा बाजा अऊ डीजे घलाेक आगे।
नोनी के बिदा होगे बहुरिया आगे।
बर बिहाव घरों घर होवत हे उछाह।

आगे आगे तिहार अऊ तिहार।

जेठ महिना आगे रग रग ले घाम हे।
चूहे पसीना तब ले करना परही काम हे.
जेठ मा परथे जेठवनी उपास हे।
पानी घलो पिये नही निरजला उपास हे।
बारो महिना किसम किसम के तिहार।

आगे आगे तिहार अऊ तिहार।

अषाढ महिना आगे रथ दुतिया आगे।
जगन्नाथ बलदाऊ सुभदरा ला रथ मा घुमाले।
दस दिन घुमाके घर घर खीर पुडी खाले।
मउसी के घर ले फेेर मंदिर में आगे।
जगा जगा बांटथें गजामूंग को परसाद।

आगे आगे तिहार अऊ तिहार।
बारो महीना तिहार के बहार

केंवरा यदु मीरा