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गोठ बात

बिहाव म खवाव बोरे बासी

dinesh chaturvediहमर छत्तीसगढ़ म किसम किसम के खाई खजाना भरे हे। तस्मई, बरा, भजिया, चिवरा, उखरा, सोंहारी, खुरमी, ठेठरी, अउ नई जानन कतका कन बियंजन हावे। फेर किसान मन अउ छत्तीसगढ़ के मितान मन ल बोरे बासी ह जादा मिठाथे। मोर छत्तीसगढ़ के संगवारीमन ल एक कति काजू,बदाम, पिसता, अखरोट, इटली, दोसा दे देवव अउ दूसर कति एक बटकी म बोरे बासी दे देवव ओमन बोरे बासी ल खाही। काबर, बोरे बासी म बिटामिन के खजाना हे। जेहर बोरे बासी खाथे ओला बिटामिन के टानिक बूढ़ात ले लेहे बर नई परय। जतका बिमारी ल ठीक कर देथे तेकरे सेती मोर किसान के पहिली पसंद बोरे बासी हर ए।

बर बिहाव म एकठन सिस्टम आगय हे जेला कइथे बफर सिस्टम। मोला लागथे ए हर बफैलो सिस्टम ए। जेला देखबे तेहा खड़े- खड़े गरवा भइसा कस रकस रकस खात रइथे। खाथे कम देखाथे जादा अऊ ओतको म पूछथे दोला नइ लेहे काय। एक तो खुद ल मिठात नइ हे अऊ आने कोनो ला पूछथे तै नइ पाय का ग। चांटी कस लाइन म लगे लगे जब खाय बर नई मिलत रहय त बड़े-बड़े मनखे घलाव मन ढकेले ल सुरू कर देथे। ढकेलत- ढकेलत जमो भात साग गिर जाथे फेर कहिथे साॅरी- साॅरी। ए सबद ल सुनके मोला अइसे लागथे माफी नई मांगत हे जम्मो ल खंाहू कहत हे। सिरतोन म मेहर बतावत हांै ए सिस्टम ले बढ़िया तो बोरे बासी सिस्टम हे। जम्मो बाराती ल लाइन के बार बइठार के बटकी म दही नून डारके बोरे बासी देवव। जमो पोठ खाही अऊ फेर दुलहा के दाइज डोर ल टेकटर म जोरे घलो लागही अऊ नई त फेर बफर सिस्टम म दारू पीके सीसी ल फोरे लागही। हमीमन ल समझना हे कि हमर संस्किरति ल कति जाय देबो। आज के टूरा हर काय जानही बोरे बासी ल। मेहर कविता के माधियम ले बतावत हौ।

‘‘रथिया म भात ल पानी म बोरा।
हरियर धनिया मिरचा ल टोरा।
बटकी म आमा के डाला अथान।
नून अऊ दही घलाव रही मितान।
गोंदली ल बासी म बुड़ाय देवा।
अमटहा भाजी ल जुड़ाय देवा।
खतम हो जाही तुहर पूरा ऊंघासी
बिटामिन के भरमार खालव बोरेबासी।’’

सियान मन कइथे मोला देखव मंय बासी खवइया औं। एक सौ एक होगे तभो ले नई मरत हव। एक एक ठन पकती पकती ल घलाव गिन डारहू। दूरिहा के चिराई ल देख डारहू। आजकाल के टूरा चार पांच बछर के होथे तिहा चसमा लग जाथे अऊ गांव के डोकरामन ल देखा भात म कीरा रेंग ही तभो जान डारही। छोट छोट आखर ल घलाव पढ़ डारही। ए सबहा बोरे बासी के ताकत ए।

दिनेश रोहित चतुर्वेदी
खोखरा, जांजगीर

परिचय

1 नाम :- दिनेश कुमार चतुर्वेदी
2 पिता का नाम :- रोहित कुमार चतुर्वेदी
3 व्यवसाय :- नौकरी (व्याख्याता पं.)
4 उम्र :- 26 साल
5 पता :- मु़. पो.- खोखरा, तह. – जांजगीर, जिला – जांजगीर
चांपा (छ. ग.)
6 मो. नंबर :- 9617905417 ¼what’s up no- 8120528100½
7 ई मेल :- dineshmahraj@gmail.com
8 अघ्ययन मे रूचि :- साहित्यिक पुस्तके, पत्र पत्रिकाएं।
9 किन लेखको की किताबे पढ़ चुके है:- कबीर, सुर , तुलसी, घनानंद, जयशंकर, निराला, पंत, महादेवी, अज्ञेय, मुक्तिबोध, भीश्म साहनी, प्रेमचंद, फणीश्वरनाथ, धर्मवीर, मोहन राकेश, रामचंद्र शुक्ल, हजारीप्रसाद, पूर्णसिंह आदि।

10. रचनाएं यदि प्रकाशित हो:- हरिभूमि के चौपाल, नवभारत के अवकाश अंक, पत्रिका के पहट, भास्कर के संगवारी, पंचायत की मुस्कान, ज्वाज्वल्या पत्रिका, छत्तीसगढ़ स्पेक्ट्रम आदि पत्र पत्रिकाओं मे छत्तीसगढ़ी व हिन्दी कविता, लेखो का प्रकाशन।
11. कोई पुरस्कार :- मिनीमाता नारी गौरव अवार्ड, ज्वाज्वल्यदेव साहित्य सम्मान, बैरिस्टर छेदीलाल सम्मान।

6 replies on “बिहाव म खवाव बोरे बासी”

ज्वलन्त बिषय ऊपर लेख हे भाई मजा आगे

बहुत सुघ्घर लागिस संगवारी आपके लेख ह |
एकर बर आप मन ल बधाई #

बिहाव म खवाव बोरे बासी। मजा आगे जी। आपके गोठ बात ह।
अऊ आपके कविता तो का बात हे गुरूजी।
बहुत बहुत बधाई।

Bhai aj tak mai atek badiya lekh nai pade ho jema hasya ke sange sang samaj ke burai l samne laye he au sudhar ke radda ghlo batay he

subhkamna dinesh ji….

Bahut badiya sujhav he bhai ekhar le smaj sudhar hohi au daid ghalo ki samsya nai rahay

Jai johar dunesh ji

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