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कविता

बेलपत्ता

बेलपत्ता
नई होवय सिरिफ तीन कोनिया
पन्ना।
बेलपत्ता-
होथे भोले नाथ के,
परम, दिव्य सिंगार
व्यंजन अउ अलंकार
सुहागिन के सेंदूर कस।
बेलपत्ता-
होथे भगवान शिव के,
त्रिनेत्र के त्रिशूल के
समान्तर चिन्हा।
बेलपत्ता म,
समाए हे,
तीनों लोक, तीनों देव, तीनों गुन।
बेलपत्ता-
चढ़ाना होथे
तीनों देव के प्रसन्नता खातिर,
तीनों गुन सम्पन्न,
तीनों ताप के नाश करइया,
सुग्घर हरियर पत्ता,
हरियाली खुशहाली के प्रतीक
परेम के श्रध्दा रूप म,
तीनों लोक चढ़ाना।

तेजनाथ
बरदुली, पिपरिया
जिला कबीरधाम