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कविता

मोर गाँव के किसान

मोर गाँव के किसान भईयाँ
बुता-बनिहारी के करईयाँ
अपन बनिहारी के खवईयाँ
गाँव घर के रहईयाँ
मोर गाँव के किसान भईयाँ।
बनिहारी करके फसल उगईयाँ
दुनियाँ के पालन करईयाँ
बईला तोर मितान भईयाँ
धान,गेहूँ, चना, उन्हारी के खेती करईयाँ
मोर गाँव के किसान भईयाँ।

हमर छत्तीसगढ़ महान
हमर छत्तीसगढ़ हवय महान
जिहाँ देवी देवता हवय विराजमान
साधु सन्यासी सबो के हवय मान
हमर छत्तीसगढ़ हवय महान।
जिहाँ किसान बेटा के हवय पहचान
खेती करईयाँ गाँव के किसान
जिहाँ हवय तिहार के अलग पहचान
हर तिहार के अलग-अलग मिष्ठान
हमर छत्तीसगढ़ हवय महान।

जिहाँ हवय पहुना भगवान
गाँव -गवई के हवय मान
मिल-जुल के रहिथे सब्बो मितान
हमर छत्तीसगढ़ हवय महान।

जिहाँ गाय बईला, भैईसा पूजा के समान
छ.ग. ला कहिथे धान के कटोरा मितान
जिहाँ हवय मया-दुलार के प्रित
सुवा, करमा, ददरिया, पंथी यहाँ के गीत

सुवा, कर्मा,पंथी, राऊत नाचा यहाँ के हवय नित्य
हमर छ.ग. सब्बो ले निक
हमर छत्तीसगढ़ हवय महान।
Hemlal photo
हेमलाल साहू

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