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कविता

मोर भाखा

मोर भाखा सँग दया मया के सुग्घर हवै मिलाप रे
अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा, कऊनो सँग झन नाप रे ।।
येमा छइहाँ बम्हलई देबी, बानबरद गोर्रइयाँ के
देंवता धामी राजिउलोचन सोमनाथ जस भुँइया के
ये मां हावे भोरमदेव जस, तीरथ के परताप रे
अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा, कऊनो सँग झन नाप रे ।।
दमऊ खँजेरी तबला ढोलक नंगाड़ा दमकै येमां
हरमुनिया करतार तमूरा मंजीरा छमकै येमां
मोहरी के सुंदर अलाप येमां दफड़ा के थाप रे
अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा, कऊनो सँग झन नाप रे ।।
करमधरम के रागपाग मां फींजे कथा कहानी हे
बोलत बेरा लगथे जइसे ये गीता के बानी हे
गुरतुर भाखा मां, गाना के, गूँजत रथे अलाप रे
अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा कऊनो संग झन नाप रे ।।
मुकुन्‍द कौशल