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गोठ बात

मोर लइका पास होगे

पूनाराम आज अड़बड़ खुस हे।बोर्ड परीछा के रिजल्ट निकलिस हे। जब चार महिना के मेहनत पाछू धान मिंज के लछमी ल घर लाथय तब गांव में रहइया गरीब किसान खुस होथे। सरी चिन्ता मेटा जाथे। ओइने आज एक साल के चिन्ता ले मुक्ति मिलिस।आज ओकर नोनी तारनी हा दूसरा दर्जा बारवीं पास होगे। अपन जिद मा बेटी ला रोज पांच किमी दुरिहा सायकल मा आन गांव मा भेज के पढ़ावत रहिस।ओकर बेटी ला पढ़ाय के संकलप पूरा होगे। गनेस,लछमी सरसती के असीस मिलगे।
पढ़इया लइका के पास होय के सबले जादा फिकर दूझन ला रहिथे।एक लइका के दाई ददा अउ दूसर ओ इस्कूल के मास्टर-मास्टरिन जौन ओला पढ़ाथे। हमर प्रांत के संगे संग पूरा देस मा 50 -60 प्रतिसत दाई ददा के इहीच चिन्ता रहिथे, कि मोर लइका पास होही कि नहीं? 10 प्रतिसत मन तो तैयारी मा लगे रहिथे कि ओकर लइका आगर ले आगर नम्बर लाय। ऐमा बड़े सहर, छोटे सहर, उन्नत गांव के मन रहिथे।दाई ददा मन पढ़े लिखे, नउकरी वाला अउ पढ़ई मा चेत करइया लइका रहिथे। 20 प्रतिसत लइका अउ दाई ददा मन मान लेथय, भगवान जौन करही अच्छा होही। येमा गांव अउ सहर के ओ दाई ददा रहिथे जेकर बात ल लइका नइ मानय सुनय। मोबाइल, टीवी, नाच, गाना, खेलकूद अउ किंजरई मा जादा धियान लगाथे।5-10 प्रतिसत दाई ददा जानत रहिथे कि ओकर लइका कइसे हावय। एक तो इस्कूल मा मास्टर नइहे, रोज रोज नवा नवा पढ़ई के रीत बदलत जावत हे। एक बच्छर दुसर नीति ता दुसर बच्छर आने नीति।
इस्कूल के बड़े मास्टर से लेके सब विसय के मास्टर मास्टरिन ला अपन अपन विसय मा लइका के पास होय के चिन्ता रहिथे।हर बच्छर पढ़ई के रीत, परीछा के रीत नीत बदले ले वहू हदास रहिथे।फेर सरकार अउ अधिकारी के आदेस के आगू मुढ़ी नवायच बर लागथे। सबले जादा ओ मास्टर मन ला चिन्ता रहिथे जिहाँ मास्टर के संख्या कमती हे।अपन विसय नी होय के पाछू दूसर विसय ला घलो पढ़ाथे। रिजल्ट घलो अच्छा देय के समस्या रहिथे। जब रिजल्ट निकलथे अउ ओकर पढ़ाय जादा लइका मन पास हो जाथय तब छाती जुड़ाथे। गरब करथे मोर लइका पास होगे। जइसे खेलकूद मा लेगे खेलाड़ी लइका जीत जाथय तब आगू मा खड़े कोच मास्टर के छाती फूल जाथे।
एती जब अच्छा रिजल्ट आथे, जादा से जादा लइकामन पास होथे तब सरकार अउ मंतरी मन अपने पीठ ला ठोंकते।हमर सिक्छा नीति ले जादा लइका पास होगे।एकर बर अधिकारी अउ मंतरी मन बधाई के हकदार हे। जबकि ऐमा उँकर हाथ तो का अंगरी घलो नी रहय।दाई ददा अउ मास्टर ल धन्यवाद घलो नइ कहाय। जतका लइका मन प्रांत मा पहला ले दसवा तक आय रहिथे ओमन सफा सफा कहिथे-हमर उपलब्धि मा सबले पहिली दाई ददा, गुरुजन, भाई बहिनी, कका ममा, नत्ता गोत्ता अउ संगवारी मन के हाथ हवय।मंतरी, अधिकारी के नांवेच नी लेवय। अउ सरकार, अधिकारी मन थुंके थूंक मा बरा चुरो के तसमई खाथे अउ कहिथे-हमर जादा ले जादा लइका पास होगे।

हीरालाल गुरुजी
छुरा, जिला-गरियाबंद