Categories
कविता

रेमटा टुरा के करामात

जेठू के रेमटा टूरा ला
कोनो का समझाए
नान नान कुकुर के पिला देखे
ओला बहुत दउड़ाए

दुनो हाथ पसारे वोहा
दुनो गोड चकराए
घुरुवा कचरा कांटा खुटी
कहूँ  भी खुसर जाये

कुकुर पिला ला धरे खातिर
भाग दउड मचाए
खुदे हपट के गिरे वोहा
एको ठन नई सपडाए

चल संगी हम पिला पकड़बो
ओखर दुकान लगाबो
नान नान पिला ला बेचबो
अऊ पैसा कमाबो

अपन दुसर संगवारी मन ला
पईसा के धौंस देखाबो
पईसा वाले हम बन जाबो
पिकनिक पार्टी मानबो

अइसने मा फेर चाबिस एक दिन
कुकुर पिला के दाई
दांत गड गे मांस उकलगे
लहू लुहान हो जाई

घर मा आइस रोवत धोवत
होगे हाल बेहाल
14 इनजेक्सन लगाये खातिर
पहुच गे असपताल

श्रीमती सपना निगम
आदित्य नगर दुर्ग , छत्तीसगढ़