Categories
कविता

वन्देमातरम् : महूं पांवे परंव तोर भुँइया

जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मँइया
अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार
इँदिरावती हा पखारय तोर पइयां
महूं पांवे परंव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइया ।।
सोहय बिंदिया सहीं घाटे डोंगरी पहार
चंदा सुरूज बनय तोर नैना
सोनहा धाने के अंग लुगरा हरियर हे रंग
तोर बोली हावय सुग्घर बैना
अंचरा तोर डोला वय पुरवइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइया
रयगढ़ हावय सुग्घर तोरे मउरे मुकुट
सरगुजा अउ बिलासपुर हे बंइया
रयपुर कनिहा सही घाते सुग्गर फबय
नांदगांव दुरूग करधनिया
अँचरा तोर डोलावय पुरवइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मँइया

डॉ
. नरेन्द्र देव वर्मा