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गुड़ी के गोठ

सांस म जीव लेवा धुंगिया

आज मौसम परिवर्तन के मार झेलत मनखे अचरज खा गे जब बसंत रितु म जाड़ ह अपन डेरा जमाय हावय। बरसात म गर्मी झेलत मनखे मौसम के पीरा ल सहत हावय। मौसम खुदे अचरज म हावय के मोर दिसा कइसे बदल गे हावय। इही सुग्घर साफ पर्यावरन ल करिया करत हमर विकास के रद्दा मलेगइया ये कल कारखाना बर कुछु सोचना चाही। ये हमर आज विस्व ल सोचे बर मजबूत कर दे हावय। काय हमन ल अपन खूबसूरत प्रकृति ल नस्ट करके विकास चाही?
राजधानी रायपुर के परछिन अगास म औद्योगिक क्षेत्र के फैक्टरी मन ले निकलत जीव लेवा धुंगिया अब ये बात के आरो देवत हे, के सरकार ल अपन विकास के मापदण्ड ल नवा सिरा ले परिभाषित करना चाही। ये बात सही आय के देस ल आजादी के बाद इहां औद्योगिकीकरण के भारी आवश्यकता रहिसे। वोकर खातिर इहां ये दिसा म अच्छा काम घलोक करे गिस। फेर अब जनाथे के वोकर रफ्तार अउ ठउर ठिकाना ल देखे-सरेखे के बाद फेक्टर-उक्टरी के स्थापना के निरनय लिए जाना चाही।
सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र के दस किलोमीटर के आंवर-भांवर म बसे जम्मो गांव के आज जेन स्थिति हे वोला देख के कभू ये नई जनावय के इहां के मनखे विकास के सपना घलो कभू देख सकही। काबर ते जिहां के लोगन बने गढ़न के सांस नइ ले पाही, आरूग पानी इन पी पाहीं, हरहिंच्छा होके किंजर फिर अउ सूते-बसे नइ पाहीं उहां के मनखे विकास के मरम ल कइसे टमड़ पाही। सरकार ये बात के कतको दावा करय के उहां पर्यावरन संतुलन ल बचाए रखे खातिर जबर बुता करे जावत हे, फेर जे मन उहां रहिथे या जिंकर वोती ले आना-जाना हे, ते मन सरकार के ये चटरही गोठ ल ठउका जानथे-समझथें।
कोनो भी मनखे ह अइसन किसम के कोनो भी आन्दोलन ल गंभीरता के साथ नई देखय। एकरे सेती अब सरकार ले एक केलौली करे जाथे के वोहर आम जनता के दु:ख पीरा ल टमड़ के अपन कर्तव्य ल पूरा करय। वो जानय के ये क्षेत्र के उपजाऊ जमीन कइसे बंजर होवत जावत हे। उहां के कुंआ, बावली अउ तरिया के पानी जमीन के संगे-संग रूख-राई, जानवर, जीव-जन्तु अउ मनखे मन नपुंसक होवत जावत हें। उहां के बोरिंग ले निकलइया मइलाहा पानी संग कीरा-मकोरा अउ दुर्गंध काबर निकलथे लोगन अब घर के छत म उसनावत गरमी म घलोक सूते बर काबर छोड़ दिए हे? इही ये प्रदेश के विकास के मापदण्ड आय के बाहिर ले आय मनखे इंहें के उद्योग म रोजगार पावयं अउ इहां के अन्नदाता किसान वो उद्योग मन के जहरीला धुंगिया म खांसत-खोखत मरत जाय? आज जतका जरूरी औद्योगिकीकरण हे, वोकर ले जादा जरूरी उपजाऊ जमीन अऊ पर्यावरन के हे। आज बसंत रितु म सिसिर समा गे हावय जाड़ म बरसात होवत हावय। ये समस्या चारों डाहर आगे हावय। मौसम के ठिकाना नइए। एखर कारन ये औद्योगीकरन आय।
सुशील भोले
41191 डॉ. बघेल गली
संजयनगर रायपुर
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