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गीत

सावन के सवागत हे

बादर बदबदावत हे,बरसा बरसावत हे।
अमरित अमावत हे,सावन के सवागत हे।

गली-खोर मा चिखला,
नांगर,भँइसा-बइला ।
खेती-खार,मुँही-टार,
नसा चढगे सबला ।।
जाँगर ला जगावत हे,करम ला कमावत हे।
अमरित अमावत हे,सावन के सवागत हे ।।१
बादर बदबदावत हे,बरसा बरसावत हे।।

चुहय छानी-परवा,
छलकै नदिया-नरवा।
दबकै चिरई-चाँटी ,
दउङै गाय-गरूवा ।।
माटी ममहावत हे,चंदन जइसे लागत हे।
बादर बदबदावत हे,बरसा बरसावत हे।।२
अमरित अमावत हे,सावन के सवागत हे।।

हरियर धरती धानी,
सकेलय सुग्घर पानी।
जुच्छा हावय बिन जल,
जीव जगत जिनगानी।।
भुँइयाँ पियास बुतावत हे,छाती जुड़ावत हे।
अमरित अमावत हे,सावन के सवागत हे।।३
बादर बदबदावत हे,बरसा बरसावत हे।।

अमित सिंगारपुरिया
परशुराम वार्ड~भाटापारा
संपर्क~9200252055