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गोठ बात

स्कूल म ओडिसी .. पंथी, करमा काबर नहीं …?




छत्तीसगढ के जम्मो सरकारी स्कूल म पहली ले पाँचवी कक्षा तक पढईया लईका मन ला अब भाषा,गणित विज्ञान के अलावा ओडिसी नृत्य के घलो शिक्षा ले बर परही । ये नवा तुगलकी फरमान एन सी आर टी ह जारी करे हवय । ओकर कहना हवय के नृत्य के शिक्षा ले से लइका मन नृत्य के भाव भंगिमा के जरिया ठीक से खडे होना,सांस लेना अउ रीढ के हड्डी ल सीधा राख के चले के तरीका सिखाय जाही । शिक्षा विभाग के दावा हवय के ये नवा कोर्स ले लइका मन के रूझान कला के प्रति होही अडउ अपन आप ल व्यक्त करे के भावना घलो आही ।

सवाल ये कि पढई ल रोचक बनाए खातिर ओडिसी च नृत्य ही काबर, हमर छत्तीसगढ में कतकोन प्रकार के नृत्य हवय जेकर ले पढई ल रोचक बनाय जा सकथे । छत्तीसगढ म पंथी अउ करमा जइसन लोक नृत्य हवय जेकर ले लईका मन खडे होना,सांस लेना अउ रीढ के हड्डी ल सीधा राखे के तरीका सीख सकथे लेकिन छत्तीसगढी लोक कला के अनदेखी करके ओडिसी ल लईका मन उपर लादना उचित नई हे | शासन प्रशासन म बइठे उडिया आई.ए.एस. मन हमर संस्कृति के अनदेखा करके अपन उड्डिया संस्कृति ल हमर लईका मन उपर लादे के खेल खेलत हवय ये सर्वथा अनुचित हे । एन.सी.आर.टी. म बईये उडिया अधिकारी मन के द्वारा जारी करे ये तुगलकी फरमान ले हमर छत्तीसगढी संस्कृति ल भारी खतरा उत्पन्न होगे हवय ।

हमन ल ओडिसी नृत्य ले कोनो द्वेष नइ हे फेर हमर लईका जेकर रग-रग म छत्तीसगढी लोक कला बसे हवय अउ ओमा जीयत हे तेन ल जादा बने करही के बाहिर के आयातित लोक नृत्य ल । बात यदि पढई म रोचकता लाए के हे त हमर लईका अपन संस्कृति अपन लोककला म जतका झूम के नाच, गा के पढ सकथे वोतका दूसर के लोक कला म नई कर सकय ये बात ल उन उडिया आइ.ए.एस. मन ल समझना चाही । बिना सोचे समझे अपन संस्कृति ल हमर उपर लादे ले आघू चल के एकर दुष्परिणाम भी सामने आही जेकर जवाबदेही इन उडिया अधिकारी के संगे-संग राज सरकार के होही ।

बहरहाल अभी भी मउका हवय के राज सरकार ये तुगलकी फरमान ल तत्काल प्रभाव ले रद्द करय, अउ यदि नृत्य के शिक्षा देना ही हे त छत्तीसगढ के उत्कृष्ठ लोक कला के चयन कर के ओकर शिक्षा लइका मन ल दे के व्यवस्था करय ।

अजय ‘ अमृतांशु”







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