Categories
व्यंग्य

चुनाव आयोग म भगवान : व्‍यंग्‍य

नावा बछर के पहिली बिहाने, भगवान के दरसन करके, बूता सुरू करे के इकछा म, चार झिन मनखे मन, अपन अपन भगवान के दरसन करे के सोंचिन। चारों मनखे अलग अलग जात धरम के रिहीन। भलुक चारों झिन म बिलकुलेच नी पटय फेर, जम्मो झिन म इही समानता रहय के, चाहे कन्हो अच्छा बूता होय […]

Categories
व्यंग्य

कलजुग केवल नाम अधारा : व्‍यंग्‍य

परन दिन के बात हरे जीराखन कका ह बडे बिहाने ले उठ के मोर कना आइस अउ पूछिस-कस रे बाबू! अब अधार बिना हमर जिनगी निराधार होगे का? में ह पूछेंव-का होगे कका? काबर राम-राम के बेरा ले बिगडाहा पंखा बरोबर बाजत हस गा? फेर कनो परसानी आगे का? मोर गोठ ल सुनके वोहा बताइस-हलाकानी […]

Categories
गीत

छतीसगढ़िया सबले बढ़िया

चिन्ता नईहे कोनो बात के, पाबे इहाँ कमईया। खेले होली म रंग-गुलाल, देवारी म जलाथे इहाँ दिया।। नदिया बईला कथे बईला ल, गाय ल गऊ मईया। कहाथन तभे तो भइया हमन, छतीसगढ़िया सबले बढ़िया।। महामाया माता रतनपुर म, रईपुर म बंजारी मईया। बम्लाई मईया डोंगरगढ के, दंतेवाड़ा म दंतेश्वरी मईया। चरण पखारव मईया तुहर, मेहा […]

Categories
गोठ बात

हमर संस्‍कृति हमर पहिचान

संगवारी हो, हमर हरियर पतित पावन भुइया छतीसगढ़ हवय।महतारी के मयारू कोरा म हमर कला अउ संसकिरीति के पालन पोषण होवत हवय। धान के कटोरा हमर छत्तीसगढ़ के कला अउ संसकिरीति के दुरिहा दुरिहा म पहिचान हवय। हमर छतीसगढ़ के संसकिरीति ह पूरा भारत देश म सबले जादा धनवान संस्कृति के हवय। हरियर भुइया हमर […]