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कविता

बेरोजगारी

दुलरवा रहिथन दई अऊ बबा के, जब तक रहिथन घर म। जिनगी चलथे कतका मेहनत म, समझथन आके सहर म।। चलाये बर अपन जिनगी ल, चपरासी तको बने बर परथे। का करबे संगी परवार चलाये बर, जबरन आज पढ़े बर परथे।। इंजीनियरिंग, डॉक्टरी करथे सबो, गाड़ा-गाड़ा पईसा ल देके। पसीना के कमई लगाके ददा के, […]

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गोठ बात

बेरा के गोठ : सुखी जिनगी जियेबर छत्तीसगढ़िया सिखव बिदुर नीति

हमन सब जानथन दुवापर जुग मा हस्तिनापुर के महामंतरी महातमा बिदुर जी कृष्न भक्त रहिन। भगवान ह दुर्योधन के 56 भोग ल छोड़के बिदुर के घर भाजी साग खायबर गिस। इही महाभारत के बेरा बिदुर जी ह धृतराष्ट ल सांति अउ नियाव के सीख देवय। भलुक ओ हा नइ मानय। ओकरे सेती वो कभू सुख […]

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कविता

सुन वो नोनी के दाई, आदमी

सुन वो नोनी के दाई, जाड़ मे होगे बड़ करलाई, छेना लकड़ ल अब तै सितावन झन दे, गोरसी के आगी ल बुतावन झन दे, सिरतोन कहात हस नोनी के ददा, जाड़ ह होगे बड़े जन सजा, जाड़ के मारे पोटा ठीठुरगे, डोकरी डोकरा मन जाड़ मे मरगे, कथरी चद्दर ल जाड़ मे अब मड़ावन […]

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गोठ बात

महानदी पैरी अउ सोढुर तीनो के मिलन इस्थान म लगथे राजिम मेला

तीन नदी के बने पुनय संगम इस्थल राजिम दाई के धाम ह महानदी पैरी अउ सोढुर नदी छत्तीसगढ़ के तीरथ इस्थान कहाथे। जेमा हर बछर माघी पुन्नी म कुलेश्वर महादेव के मंदिर मेर महाशिवरातरी के बेरा म बड़का मेला भराथे। जेन ह अभी के आने वाला समय म कुंभ के बड़का रूप धर ले हे। […]

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कविता

ईंहा के मनखे नोहय

जिंहा के खावत हे तेकर गुण ल नई गाही, तिरंगा के मया बर अपन लार ल नई टपकाही, वोहा ईंहा के मनखे नोहय I जेन ह ईंहा के माटी ल मथोलत हे, अपनेच दांदर ल मरत ले फुलोवत हे, वोहा ईंहा के मनखे नोहय I कनवा खोरवा मुरहा ल जेन ह कुआं म ढपेलत हे, […]