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गोठ बात

जिनगी जीये के रहस्य : महाशिवरात्रि

देवता मन के देव महादेव ला प्रसन्न करे खातिर महाशिवरात्रि के परब हा सबले बड़े परब माने जाथे। वइसे तो बारो महिना अंधियारी पाख के चउदस के रात हा शिवरात्रि के रात कहाथे फेर फागुन महिना के अंधियारी पाख के चउदस के रात हा महाशिवरात्रि कहाथे। ए महाशिवरात्रि के परब हा परमपिता परमात्मा शिव के […]

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कविता

14 फरवरी मातृ-पितृ पूजन दिवस खास…

तुहर मया खेलय कूदय रेहेव ननपन म, तोर मया के छाँव म। शहर म नइये अइसने सुख, जे मिलथे हमर गाँव म।। छलकत रहिथे ओ दाई, अब्बड़ मया हा तोर। कभु कभु तुहर मया म, टपकथे आँखी ले झोर।। नी सिरावय जइसने, चँदा सुरुज के अंजोर। वइसने अजर अमर हे दाई, तोर मया के डोर।। […]

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कविता

मैं माटी अंव छत्तीसगढ़ के

मैं माटी अंव छत्तीसगढ़ के, बीर नरायन बीर जनेंव। कखरो बर मैं चटनी बासी, कखरो सोंहारी खीर बनेंव।। कतको लांघन भूखन ल मोर अंचरा मा ढांके हंव। अन्न ल खाके गारी दिन्हे, उहू ल छाती मा राखे हंव।। लुटत हे अब बैरी मन हा, जौन पहुना बनके आए रिहिन। झपट के आज मालिक बनगे, जौन […]

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गोठ बात

सिक्छा ऊपर भारी पड़े हे अंधबिस्वास

विकसित होत गांव-सहर म जतना तेजी ले सिक्छा ह आघु नई बढहे हे, तेखर ले जादा तेजी ले अंधबिस्वास के विकास होईस हे। सबले जादा हमर भारत देस म अंधबिस्वास के मानने वाला मनखे मन हवय। ओहु म अंधबिस्वास ल माने म अनपढ़ मनखे मन ले जादा पढ़े-लिखे मनखे मन मानथे। अउ बाबा-बइगा मनके झांसा […]

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गोठ बात

देवी देवता के पूजा इस्थान म होथे मड़ाई

गांव-गवई म मेला मड़ाई के बढ़ महत्व हे, गांव के देवी-देवता के पूजा-पाठ कर के ओला खुशी अउ उल्लास के संग मड़ाई के रूप म मानथे, गांव-गांव म मड़ाई-मेला के अपन अलगेच महत्व रहिथे, मड़ाई मेला ह हमर छत्तीसगढ़ी संस्कृति म परमुख इस्थान रखथे , जेन ह परमुख रूप ले आदिवासी देवी-देवता मन के पूजा […]

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कविता

वाह रे रूपया तै महान होगे

जम्मो भागे तोर पाछु मे, सब तोरे गुन ल गावै, जावस तै जेती जेती, सब तोरे पाछु आवै, तोर आय ले बने बने सिधवा घलो बईमान होगे, वाह रे रूपया तै महान होगे. दुनीया पुजा तोर करे, घर घर मे तोर वास हे, तोर खातीर जम्मो जियत हे, तोरे भरोसा सांस हे, सबो जघा तहीं […]

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कविता

महेन्द्र देवांगन माटी के कविता : बसंत बहार

सुघ्घर ममहावत हे आमा के मऊर, जेमे बोले कोयलिया कुहुर कुहुर। गावत हे कोयली अऊ नाचत हे मोर, सुघ्घर बगीचा के फूल देख के ओरे ओर। झूम झूम के गावत हे टूरी मन गाना, गाना के राग में टूरा ल देवत ताना। बच्छर भर होगे देखे नइहों तोला, कहां आथस जाथस बतावस नहीं मोला। कुहू […]

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गोठ बात

भगवान संग नता-रिस्ता- छत्तीसगढ़ के खास पहिचान आय

हर जघा, देस, प्रदेस अउ छेत्र के कोई न कोई खास पहिचान होथे। हमर प्रदेस छत्तीसगढ़ के घलो अइसे कई ठी पहिचान हे। जेमा छत्तीसगढ़ के मंदाकनी महानदी , छत्तीसगढ़ के प्रयाग राजिम, छत्तीसगढ़ के संस्कृति, छत्तीसगढ़ के परंपरा अउ रीति-रिवाज, छत्तीसगढ़ के मान्यता, छत्तीसगढ़ के तिरिथ-धाम जइसे जुन्ना पहिचान के नांव गिनाय जा सकथे […]

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कहानी

कहानी : सेमी कस बँटागे मनखे

रामपुर नाव के एक ठन सुग्घर गाँव रीहिस, जिहाँ के सब मनखे सुनता सलाह अउ संगी मितानी, छोट-बड़े ला मान देवईया रीहिन, सिरतोन मा रामपुर मा रामराज हावय सरीख लागे। उहाँ के मुखिया रामदास घलो सबके हित सोचईया रीहिस, पूरा गाँव ला वोहा एके घर बरोबर समझे अउ जनता ला अपन लोग लइका बरोबर मया […]

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कविता

महेश पांडेय “मलंग” के छत्तीसगढ़ी कविता

बुद्धि ला खूंटी मा टांग के, भेड़िया असन धँसा जाथन ढोंगी साधु सन्यासी बर, फिलगा असन झपा जाथन कभू आसाराम के झाँसा म कभू निरमल बाबा के फाँसा म कभू रामपाल के चक्कर म कभू राधे माँ म मोहा जाथन बुद्धि ला खूंटी म टांग के, भेड़िया असन धँसा जाथन ढोंगी साधु सन्यासी बर, फिलगा […]