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जीवन परिचय

छत्तीसगढ़ के गिरधर कविराय – जनकवि कोदूराम “दलित”

(108 वाँ जयंती मा विशेष) 1717 ईस्वी मा जन्में गिरधर कविराय अपन नीतिपरक कुण्डलिया छन्द बर जाने जाथें। इंकर बाद कुण्डलिया छन्द के विधा नँदागे रहिस। हिन्दी अउ दूसर भारतीय भाखा मा ये विधा के कवि नजर मा नइ आइन। पठान सुल्तान, जुल्फिकार खाँ, पंडित अम्बिकादत्त व्यास, बाबा सुमेर सिंह, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, मन सुप्रसिद्ध कवि […]

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कविता गज़ल छंद दोहा मत्तगयंद सवैय्या

छत्तीसगढ़ी गीत-ग़ज़ल-छंद-कविता

होगे होरी तिहार होगे – होगे होरी के, तिहार गा। कखरो बदलिस न,आदत ब्यवहार गा। करु बोली मा,अउ केरवस रचगे। होरी के रंग हा, टोंटा मा फँसगे। दू गारी के जघा, देय अब चार गा। कखरो बदलिस न,आदत ब्यवहार गा। टेंड़गा रेंगइया हा,अउ टेंड़गा होगे। ददा – दाई ,नँगते दुख भोगे। अभो देखते वो , […]