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गोठ बात

पंडवानी के सुर चिरैया-तीजन बाई

जब हमन नान्हे-नान्हे रहेन तब रेडियो म जइसे सुनन-“बोल व§न्दावन बिहारी लाल की जय” अतका सुनते साठ हमन जान डारन कि अब तीजन बाई के पंडवानी शुरू होवइया हे अउ रेडियो तिर बने चेत लगा के बइठ जात रहेन । हमन ला पंडवानी सुने म जतेक मजा आवय तेखर ले जादा मजा तीजन बाई के […]

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कहानी

लोक कथा : लेड़गा के बिहाव

–वीरेन्द्र ‘सरल‘ एक गाँव म एक गरीब लेड़गा रहय। ये दुनिया म लेड़गा के कोन्हों नइ रिहिस। दाई रिहिस तउनो ह कुछ समे पहिली गुजर गे। लेड़गा ह बनी-भूती करके भाजी-कोदई, चुनी-भूंसी खाके अपन गुजर बसर करत रहय। सम्‍पत्ति के नाव म लेड़गा के एक झोपड़ी भर रहय तब उही झोपड़ी के आधा म पैरा […]

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गोठ बात

प्रकृति के विनास

हमर भारत भुइंया ह संसार के जम्मो देस म अपन संस्कारअउ संस्कृति के सेती अलगेच चिन्हारी रखथे।हमन परकिरती के पूजा करइय्या मनखे अन।परमात्मा के बनाय रुख राई,नदीया,पहाड,जीव-जंतु,चिरई चुरगुन ल घलो हमन पूजा करथन।फेर धीरे-धीरे हमन ए सबले दूरीहावत हन। जब ले मनखे ह मसीनी तरक्की के रसदा ल धरे हे ओला भोरहा होगे हे कि […]