परंपरा की खुशबू है इन कहानियों में छत्तीसगढी-साहित्य में निरंतर अनुसंधान तथा अन्य विधाओं में सक्रिय लेखनरत डॉ.जयभारती चंद्राकर का यह प्रथम छत्तीसगढी़ कहानी संग्रह है। ‘शहीद के गाँव’ शीर्षक से संकलित इन कथाओं में छत्तीसगढ़ का यथार्थ स्वाभाविक रूप से दिखाई देता है। पहली कहानी ‘शहीद के गाँव’ एक सच्ची कहानी है, जो देश के लिए […]
Day: August 10, 2018
देव म महादेव भकूर्रा महादेव
हमर छत्तीसगढ़ राज म सिव परम्परा हर अब्बड़ पुराना हवय।इंहा के कलचुरी राजा मन हर बड़का -बड़का सिव मंदिर के निरमान ल करवाइन, त ले जेमा कछु सिव मंदिर हर स्वयंभू हरे। जेमा सबले अदभुत अउ पुराना स्वयंभू भूतेश्वर नाथ ‘भकूर्रा महादेव’ हवय। छत्तीसगढ़ राज म जिला गरियाबंद म बिराजे भूतेश्वर नाथ ‘भकूर्रा महादेव’ हर […]
सावन के बरखा
झिमिर झिमिर बरसत हे सावन झड़ी के फुहार ओईरछा छानी चुहन लागे रेला बोहागे धारे धार झुमरत हे रुख पाना डारा उबुक चुबुक होगे खेत खार बईला संग बियासी फंदाय लेंजहा चालय बनिहार मघन होके मंजुर नाचय छांए करिया बादर गरर गरर बिजुरी चमके किसनहा जोतय नांगर बेंगवा नरियाय टरर टरर बरखा गीत गावयं कमरा […]
गीत: सुरता के सावन
घुमङे घपटे घटा घनघोर। सुरता के सावन मारे हिलोर।। घुमङे घपटे घटा घनघोर…. मेछरावे करिया करिया बादर, नयना ले पिरीत छलके आगर। होगे बइहा मन मंजूर मोर, सुरता के सावन मारे हिलोर।।१ नरवा,नँदिया,तरिया बउराय, मनमोहनी गिंया मोला बिसराय। चिट्ठी,पतरी,संदेस ना सोर, घुमङे घपटे घटा घनघोर।।२ बरसा बरसे मन बिधुन नाँचे, बिन जँउरिहा हिरदे जेठ लागे। […]
सोनहा सावन सम्मारी
सोनहा समे हे सावन सम्मारी, भजय भगद हो भोला भण्डारी। सोनहा समे हे सावन सम्मारी, भजय भगद हो भोला भण्डारी।।…….. नीलकंठ तोर रूप निराला, साँप-डेरू के पहिरे तैं माला। जटा मा गंगा,.माथ मा हे चंदा, अंगरक्खा तोर बघवा छाला।। भूत,परेत, नंदी हे संगवारी। सोनहा समे हे सावन सम्मारी।।१ भजय भगत हो भोला भण्डारी।।……….. कैलासपती तैं […]
दारु के निसा
अगोरा करथे बारह बज्जी के मंदिर कस भीड़ सकलाय रहिथे गांव गांव के दारूभट्ठी म दारु बर लाईन लगाय रहिथे सियान जवान निसा म मोहाय चेपटी पउंव्वा चघाय रहिथे कोट कोट ले पीके दारू मंद मताउंना म पगलाय रहिथे कोनो चिखला अउ कोनो डबरा म टुन्न ले पीके परे रहिथे अपन तन के हियाव नईहे […]