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गोठ बात

हमर शिक्षा व्‍यवस्‍था

पढ़हईया लईका मन ला हमर देश के सिरिजन करईया कहे जाथे। फेर आज के दिन मा ऊखर जिनगी के संग खिलवाड़ होवत हवै। ओ लईका मन ल बिन जबरन के कल्लई करात हवै। आजे काली बिहिनिया कुन पेपर म पढ़ेबर मिलिस कि एक झन लईका ह 12वीं म पहिलि सेरेणी म पास होगे हवै तभो […]

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गज़ल

गाँव रहिस सुग्घर, अब शहर होगे

बोली अउ भाखा हर जहर होगे, गाँव रहिस सुग्घर, अब शहर होगे। दिनो -दिन बाढ़त हे मंहगाई हर, मुश्किल अब्बड़ गुजर-बसर होगे। बैरी बनगे भाई के अब भाई हर, लागत हे, चुनई के गजब असर होगे। बलदाऊ राम साहू

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गज़ल

गज़ल : किस्सा सुनाँव कइसे ?

ये पिरीत के किस्सा सुनाँव कइसे ? घाव बदन भर के ला लुकाँव कइसे ? देंवता कस जानेंव ओकर मया ला मँय हर , अब श्रद्धा म माथ ला झुकाँव कइसे ? पाँव धँसगे भुइँया म देखते देखत , बिन सहारा ऊपर ओला उचाँव कइसे ? पानी म धोवाय छुँही रंग सहिन दिखथे, हो तो […]

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कविता

अक्षर दीया जलाबोन

अक्षर दीया जलाबोन संगी, निरक्षरता के अंधियार मिटाबोन । ज्ञान के मशाल ल धरके , गाँव गली तक जाबोन । सबझन पढ़बोन अउ पढ़ाबोन , सब कोई होही साक्षर । नइ राहे तब ये जग मा , भंइस बराबर काला अक्षर । नोनी पढ़ही बाबू पढही , पढ़ही बबलू के दाई । डोकरा पढ़ही डोकरी […]