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किताब कोठी नाटक

हरदी पींयर झांगा पागा

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व्यंग्य

चुनाव आयोग म भगवान

भगवान के दरसन करके, बूता सुरू करे के इकछा म, चार झिन मनखे मन, अपन अपन भगवान के दरसन करे के सोंचिन। चारों मनखे अलग अलग जात धरम के रिहीन। भलुक चारों झिन म बिलकुलेच नी पटय फेर, जम्मो झिन म इही समानता रहय के, चाहे कन्हो अच्छा बूता होय या खराब बूता, ओला सुरू […]

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व्यंग्य

योग्यता

चुनाव के समे लकठियागे रहय। अपन अपन पारटी ले टिकिस झोंके बर, कार्यकरता मनके लइन लगे रहय। पारटी के छोटे से बड़का कार्यकरता, अपन आप ला विनिंग केंडीडेट समझय। पारटी परमुख, टिकिस के लइन देख के, पारटी के जीत के आस म भारी खुस रहय। टिकिस के आस म, लइन लगे कार्यकरता के योग्यता जांचे […]

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कविता

अवइया मुख्यमनतरी कइसन हो ?

घात जियानथे जऊन ला, गरीब अऊ अनाथ के पीरा, जऊन नेता के अंतस निये, जइसे तिनफंकिया खीरा। जेला गजब सुहाथे, छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़िया हीरा , जऊन नी बजावय, हमर पेट ला जइसे ढोल मनजीरा। छत्तीसगढ़ के हित के खातिर, जूझ मरे चाहे जइसन हो। जी चाहत हे छत्तीसगढ़ के अवइया मुख्यमनतरी अइसन हो। पाछू ला गोड़ेली […]

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गज़ल

ग़ज़ल

हममन बस गोहरइया1 हावन2। उनकर पानी भरइया हावन।। देस के देवता-धामी मन के। पूजा हममन करइया हावन। उही मन समरथ, ग्यानी, पंडित। हम तो पाँव परइया हावन। राम-राज हर आही कहाँ ले पाछू-पाछू रेंगइया3 हावन। दुनिया हर आगु रेंगत हावै। उनकर पूछी धरइया4 हावन। बलदाऊ राम साहू 1. चिचोरी करने वाले, 2. हैं, 3. चलने […]

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गोठ बात

बतावव कइसे ?

मया पिरीत म बँधाय हन जम्मो, ए बँधना ले पाछू छोड़ावव मै कइसे? !1! बिना लक्छ के मोर डोंगा चलत हे, येला बने कुन रद्दा देखावव मै कइसे? !2! तोर दुख अऊ पीरा ल मानेव अपन मै, ओ पीरा ल तोर भूलावव मै कइसे? !3! नी देखे सकव तोर आँखी म आँसू, बिन जबरन तोला […]

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कविता

चँदा दिखथे रोटी कस

अक्ति के बोनी बितगे हरेली के बियासी लाँघन-भूखन पोटा जरत कोन मेर मिलही भात तियासी देवारी बर लुवई-टोरई मिस के धरलीन धान खरवन बर रेहरत रहिगेन गौटिया मन देखाइन अपन शान जन-जन खाइन मालपुआ फरा ठेठरी नइ खुलिस हमर बर ककरो गठरी गाँव म घर नहीं न खार म खेत चँदा दिखथे रोटी कस कर […]

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गोठ बात

सिंगारपुर के माँवली दाई

हमर माँवली दाई के धाम हमर नान्हें छत्तीसगढ़ राज ला उपजे बाढ़हे अभी खूब मा खूब सोला बच्छर होवत हे फेर छत्तीसगढ़ राज के नाँव के अलख जगावत कतको साल होवत हे। हमर छत्तीसगढ़ राज के जुन्ना इतिहास हा बड़ प्रसिद्ध अउ सुग्घर हावय। ए राज के बीचो-बीच मा शिवनाथ नदिया बोहावत हावय। इही शिवनाथ […]

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कविता

चुनई के बेरा मे आफर के बरसात हे।

चुनई के बेरा मे आफर के बरसात हे। बोरे बासी खवईया बर भात ताते तात हे। बच्छर भर ले राज करे बर दू दिन हमला भरमाही। अभी माथ नवाही पाछू मेछराही अउ टुंहू देखाही। अभी मंदरस घोरे बोली फेर पाछू लात हे। चुनई के बेरा मे आफर के बरसात हे।। आनी-बानी के सपना देखाही,जम्मोझन रिझाहीं। […]

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गोठ बात

नवरात्र परब : मानस में दुर्गा

हमर छत्तीसगढ़ मा महापरब नवरात ला अड़बड़ उछाह ले मनाय जाथे।नौ दिन तक गाँव के शीतला (माता देवाला) मा अखंड जोत जलाय जाथे अउ सेवा गीत गाय जाथे ।गाँव गाँव मा दुर्गा के मूरती मढ़ाके नौ दिन ले पूजा करे जाथे। गाँवभर के जुरमिल के ये परब ला भक्तिभाव ले मनाथे। छत्तीसगढ़ मा गाँव के […]