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गीत

मनखे-मनखे एक समान

सुनो-सुनो ग मितान, हिरदे म धरो धियान। बाबा के कहना “मनखे-मनखे एक समान”।। एके बिधाता के गढ़े, चारों बरन हे, ओखरे च हाथ म, जीवन-मरन हे। काबर करथस गुमान, सब ल अपने जान। बाबा के कहना “मनखे-मनखे एक समान”।। सत के जोत, घासीदास ह जगाय हे, दुनिया ल सत के ओ रद्दा देखाय हे। झन […]

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गोठ बात

बाबा घासीदास जयंती – सतनाम अउ गुरु परंपरा

गुरु परंपरा तो आदिकाल से चलत आवत हे। हिन्दू धरम मा गुरु परंपरा के बहुत महिमा बताय हे।गुरु के पाँव के धुर्रा हा चंदन बरोबर बताय हे , प्रसाद अउ चरणामृत के महिमा ला हिन्दू धरम मा बिस्तार से बरनन करे जाथे।घर मा गुरु के आना सक्षात भगवान आयबरोबर माने गय हवय। सनातन धरम मा […]