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गोठ बात

बियंग : लहू

लोकतंत्र के हालत बहुतेच खराब होवत रहय। खटिया म परे परे पचे बर धर लिस। सरकारी हसपताल म ये खोली ले ओ खोली, ये जगा ले वो जगा किंजारिन फेर बने होबेच नी करय। सरकारी ले छोंड़ाके पराइवेट हसपताल म इलाज कराये के, काकरो तिर न हिम्मत रहय, न पइसा, न समय, न देखरेख करे […]

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गज़ल

गजल : दिन कइसन अच्छा

दिन कइसन अच्छा आ गे जी। मरहा खुरहा पोक्खा गे जी ।। बस्ती बस्ती उजार कुंदरा महल अटारी तना गे जी ।। पारै हाँका हाँसौ कठल के सिसका सिसका रोवा गे जी ।। पीए बर सिखो के हमला अपन सफ्फा खा गे जी।। हमला देखावै दरपन उन मुँह जिन्कर करिया गे जी ।। कोन ल […]

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कविता

बंदत्त हंव तोर चरन ल

गांव के मोर कुशलाई दाई बिनती करत हंव मैं दाई सुन ले लेते मोरो गुहार ओ दुखिया मन के दुख ल हर लेथे बिपति म तै खड़ा रहिथे अंगना म तै बैठे रहिथे जिनगी सफल हो जाथिस सुघ्घर रहथिस मोरो परिवार ओ तोरे चरन के गुन गांवों ओ ये मोर मैय्या सुन लेथे मोरो अरजी […]

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गीत

माता ला परघाबो

आवत हावय दुर्गा दाई, चलव आज परघाबो । नाचत गावत झूमत संगी, आसन मा बइठाबो ।। लकलक लकलक रूप दिखत हे, बघवा चढ़ के आये । लाली चुनरी ओढे मइया, मुचुर मुचुर मुस्काये ।। ढोल नँगाड़ा ताशा माँदर, सबझन आज बजाबो । आवत हावय दुर्गा दाई, चलव आज परघाबो ।। नव दिन बर आये हे […]

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गोठ बात

राम जन्म : सबके बिगड़े काम सँवारथे श्रीराम

तुलसीदास हा रामचरित मानस लिखके,गाके अपन जिनगी ला तो सँवारिस अउ संगे संग कलियुग के राम नाम लेवाइया मन के बिगड़ी ला बना दिस।हर कल्प मा राम हा उँखर नाम लेवइया मनके उद्धार करे हे,भाग्य सँवारे हे। प्रभु राम के नाम जपत अहिल्या ला एक जुग पखरा बने बीतगे रहिस।ओकर गृहस्थी हा थोकिन गल्ती मा […]

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कविता

आगे परब नवरात के

आगे परब नवरात के, मंदिर देवाला सजाबो। सुग्घर लीप पोत के, कलशा मा दियना जलाबो।। ढ़ोल नंगाड़ा बजा के सुग्घर, माता रानी ला परघाबो। मंगल आरती गा के सुग्घर, माता ला आसन बइठाबो।। संझा बिहनिया करके आरती, दाई ला भोग लगाबो। दाई के चरण मा माँथ नवाके, आसीस सुग्घर पाबो।। आठ दिन अउ नवरात ले, […]