वा रे मनखे रूख रई नदिया नरवा सबो ल खा डरे रूपिया- पैसा धन-दोगानी, चांदी-सोना सबो ल पा डरे जीव-जंतु, कीरा-मकोरा सब के हक ल मारत हस आंखी नटेरे घेरी बेरी ऊपर कोती ल ताकत हस पानी नी गीरत हे त तोला जियानत हे फेर ए दुनिया के सबो परानी ऊपरवाला के अमानत हे तोर […]
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