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गोठ बात

असाढ़ के आसरा हे

सूरुज नरायन ला जेठ मा जेवानी चढ़थे। जेठ मा जेवानी ला पाके जँउहर तपथे सूरुज नरायन हा। ताते-तात उछरथे, कोनो ला नइ घेपय ठाढ़े तपथे। रुख-राई के जम्मों पाना-डारा हा लेसा जाथे, चिरई-चिरगुन का मनखे के चेत हरा जाथे। धरती के जम्मों जीव-परानी मन अगास डाहर ला देखत रथें टुकुर-टुकुर अउ सूरज हा मनगरजी मा […]

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गोठ बात

घर तीर के रुखराई जानव दवई : बेरा के गोठ

हमर पुरखा मन आदिकाल ले रुख राई के तीर मा रहत अऊ जिनगी पहात आवत हे। मनखे ह जनमेच ले जंगलीच आय। जंगल मा कुंदरा मा रहे।रुख राई बिन ओखर जिनगी नई कटय। हजारो बच्छर बीत गे , मनखे अपन मति ल बऊर के जंगल ले निकल के सहर बना डरिस फेर रुख राई के […]

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कविता

किसानी के दिन आगे

नांगर अऊ तुतारी के जुड़ा अऊ पंचारी के रापा गैंती कुदारी के मनटोरा मोटियारी के मनबोध ला सुरता आगे किसानी के दिन आगे । कबरा लाल धौंरा के खुमरी अऊ कमरा के आनी बानी रंग मोरा के बांटी अऊ भौंरा के भाग फेर जागगे किसानी के दिन आगे । बादर अऊ पानी के खपरा खदर […]

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कहानी

कन्या भोज (लघुकथा )

आज रमेश घर बरा,सोंहारी,खीर ,पुरी आनी बानी के जिनीस बनत राहे । ओकर सुगंध ह महर महर घर भर अऊ बाहिर तक ममहावत राहे। रमेश के नान – नान लइका मन घूम घूम के खावत रिहिसे । कुरिया में बइठे रमेश के दाई ह देखत राहे, के बहू ह मोरो बर कब रोटी पीठा लाही […]

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कहानी

कहिनी : नाव बदले ले न गाड़ी बदले न ठऊर

भटकुल नानचुन गांव रथे, फेर ऊंहा लड़ई-झगरा अऊ दंगा असन बुता होवते राहय। ऊंहा के गंउटिया इही झगरा के पीरा ल नई सही सकीस अऊ परलोक सिधार गे, ओखर माटी पानी में पुरा अतराब के मनखे सकलइस, ओमा एक झन साधु घलो आय राहय। वोहा गंउटिया के ननपन के संगवारी रथे, वोहा गंउटिया के जिनगी […]

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गोठ बात

छत्तीसगढ़ी गोठियावव अऊ सिखोवव – बेरा के गोठ

ऐसो हमर परोसी ठेकादार पवन अपन टूरी अऊ टूरा ल 18 किमी दूरिहा सहर के अंगरेजी इस्कूल म दाखिला कराईस। ऊंखर लेगे बर बड़का मोटर (बस) इस्कूल ले आही कहिस।नवा कपड़ा, बूट, पुस्तक कापी, झोरा( बैग ) जम्मो जिनिस बर पईसा देय के इस्कूल ले बिसाईस हे। पवन के गोसाईन ह बतावत रहिस उहां पैईसच […]

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कहानी

बंटवारा

बुधारु अऊ समारु दूनों भाई के प्रेम ह गांव भर में जग जाहिर राहे ।दूनों कोई एके संघरा खेत जाय अऊ मन भर कमा के एके संघरा घर आय । कहुंचो भी जाना राहे दूनों के दोस्ती नइ छूटत रिहिसे ।ओकर मन के परेम ल देख के गाँव वाला मन भी खुस राहे अऊ बोले […]

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गोठ बात

नमस्कार के चमत्कार

हमर पुरखा-पुरखा के चलाय मान-सम्मान परमपरा मा सबले जादा एक दुसर के अभिवादन ला महत्तम दे गे हावय। ए परपपरा हा आज घलाव सुग्घर चले आवत हे फेर चाहे एखर रकम-ढकम हा बदलत जावत हावय। हमन ए अभिवादन परमपरा मा देखथन के एक दुसर ला नमस्ते या नमस्कार करथन फेर एखर का अरथ हे सायदे […]

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छंद रोला

मजबूर मैं मजदूर

करहूँ का धन जोड़,मोर तो धन जाँगर ए। गैंती रापा संग , मोर साथी नाँगर ए। मोर गढ़े मीनार,देख लमरे बादर ला। मिहीं धरे हौं नेंव,पूछ लेना हर घर ला। भुँइयाँ ला मैं कोड़, ओगथँव पानी जी। जाँगर रोजे पेर,धरा करथौं धानी जी। बाँधे हवौं समुंद,कुँआ नदियाँ अउ नाला। बूता ले दिन रात,हाथ उबके हे […]

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व्यंग्य

दसवा गिरहा दमांद

जोतिस के जानकार मन ल नौ ले उपरहा गिनतीच नइ आवय। तेकर सेती जोतिस म नौ गिरहा माने गे हे। फेर लोकाचार म दस गिरहा देखे बर मिलथे। ओ दसवा गिरहा के नाँव हे दमांद। अलग -अलग गिरहा के अलग- अलग प्रभाव होथे। सबले जादा खतरा सनि ल माने गे हे। जेन हँं मनखे ल […]