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कविता

भारत माँ के दुलौरिन बेटी

मोर भारत माँ के दुलौरिन बेटी, छत्तीसगढ़हीन दाई।
तोर कोरा मं मांथ नवांके, लागौं तोरे पांई।।
:-तोर कोरा मं जनम-जनम ले…2,लेवंव मै आंवतारी
मोर भारत माँ के दुलौरिन बेटी, छत्तीसगढ़हीन दाई।
तोरे कोरा मं मांथ नवांके, लागौं तोरे पांई।।

तोरे कोरा मं देवी देंवता, डोंगरगढ़ बमलाई हे।
राजिम मं कुलेश्वर बिराजे, भक्तिन करमा दाई हे।।
:-महानदी तोर चरण पखारे…2,निरमल धारा बोहाई
मोर भारत माँ के दुलौरिन बेटी,छत्तीसगढ़हीन दाई।
तोरे कोरा मं मांथ नवांके, लागौं तोरे पांई।।

सिहावा मं सिंगी रिषी अऊ,महानदी आंवतारी हे।
रईपुर मं बंजारी बिराजे, महासमुंद खल्लारी हे।।
:-भागीरथी तोरे महीमा बखाने…2,सिहावा मं धुनी रमाई
मोर भारत माँ के दुलौरिन बेटी, छत्तीसगढ़हीन दाई।
तोरे कोरा मं माँथ नवांके, लागौं तोरे पांई।।

सिरपुर हावे शिवरीनारायण, घुंचापाली चण्डी दाई हे।
चम्पारण चम्पेश्वर बिराजे, महाप्रभु आंवतारी हे।।
:-कौंशिल्या के मईके कहाऐ…2,रईपुर हे राजधानी
मोर भारत माँ के दुलौरिन बेटी,छत्तीसगढ़हीन दाई।
तोरे कोरा मं मांथ नवांके, लागौं तोरे पांई।।
:-तोरे कोरा मं जनम-जनम ले…2लेवंव मैं आंवतारी
मोर भारत माँ के दुलौरिन बेटी,छत्तीसगढ़हीन दाई।
तोरे कोरा मं मांथ नवांके, लागौं तोरे पांई।।

गोकुल राम साहू
धुरसा-राजिम(घटारानी)
जिला-गरियाबंद(छत्तीसगढ़)
मो.नं.9009047156