बाबू के ददा काबर अंटियावथस बाबू के ददा तैं कार अंटियावथस तोरेच बनाय नइ बने हे कुरिया …… तयं कार अंटियाथस महू पलोय हौं पानी अउ माटी महू ह जांगर ल टोरेवं साथी ….. तयं कार अंटियाथस बाबू के दादा काबर…. कुकरा के बोली मं जठना घरियायेवं ठुठरत पहरिया मं तरिया नहायेवं गुंगुवावत आगी मं […]
Category: गीत
निचट शराबी अऊ जुवांड़ी, बाप रहै झन भाई। रहै कभू झन कलकलहिन, चंडालिन ककरो दाई॥ मुड्ड़ी फूटगे वो कुटुम्ब के, उल्टा होगे खरिया। बेटा जेकर चोर लफंगा, भाई हर झंझटिया॥ छानी के खपरा नई बाचै, वोकर घर के ठउका। निपट अलाल, शराबी होगे, जेकर घर के डउका॥ ओकर घर मं दया मया अऊ, सुमत कहां […]
कलेचुप बइगा हा जब अंधियारी घपटाथे, भुलवारे बर तब अंजोर के गजब गीत गाथे। बडे गौटिया कहिथंन जेला पांव परइया मन, उही गुनी मनखे के दिखथे बइहा कस लच्छन मनखे मनखे ले जादा वोला बिखहर हा भाथे। भुइयां, भाखा, दाई के जस गाथे नवां नवां, भीतर-भीतर गजब खोड़ पिरीत उपर छांवा। बड़ा गियानी हे मुस्किल […]
गुन ला गा लो : महावीर अग्रवाल के गीत
जोन माटी मां जनम धरे हो, वोकर गुन ला गा लो वोकर गुन ला गा लो रे भैय्या, वोकर गुन ला गा लो। इहंचे खेलेन गिल्ली डंडा, अऊ डंडा पचरंगा इही हमर बर तीरथ धाम हे इही हवे जी गंगा पांव परो महतारी के अऊं माथे तिलक लगा लो माथे तिलक लगाओ भैय्या, माथे तिलक […]
करा असन ठरत हावय पानी रे नदिया के उनमन नहांवत तो होहीं रे। उंखरे तो गांवे ले आये हे नदिया ह होही नहांवत मोर जोही रे। महर-महर महकत मम्हावत हे पानी ह। लागत हे घुरगे हे सइघो जवानी ह। चट कत कस, गुर-गुर ले छू वत हे अंग-अंग ल, चूंदी फरियावत तो होही रे। तउरत […]
चल संगी घुमेल जाबोन, माघी पुन्नी के मेला हाबे अब्बड़ भीड़ भाड़, नइ जावन अकेल्ला। हर हर गंगे असनान करके, पानी हम चढाबो दरसन करबो महादेव के, वोला हम मनाबो। भीड़ लगे हे मंदिर में, होवत पेलम पेला चल संगी घुमेल जाबोन, माघी पुन्नी के मेला । संग में जाबोन संग में आबोन,अब्बड़ मजा आही […]
तैंहर छोटे झन जानबे भइया एक ला। एकक जब जुरियाथें लग जाथे मेला॥ एक्के भगवान ह जग ला सिरजाये हे एक ठन सुराज ह, अँजोर बन के छाये हे सौ बक्का ले बढ़ के होथे एक लिख्खा गठिया के धरे रिबो मोरो ये गोठ ला। भिन्ना फूटी ले होथे एक मती कोटिक लबरा ले बढ़ […]
छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइयॉं अब्बड़ घन हे तोर अँचरा के छइहाँ सुर्रा सॉही महानदी पैरी जस इन्द्रावती अउ शिवनाथ हे मुरुवा के हर्रइयॉ छत्तिसगढ़ के मोर महतारी भुइयाँ सिरि भगवान दमउ दहरा म रिसभ देव अवतार लिहिस रिसि वशिष्ठ भार्गव अगस्त्य के तपोभूमि सरगुजा रिहिस दसरथ घर पुत्रेष्टि करइया श्रृंगी रखिस सिहावा परवत म […]
लइका मन धुर्रा मं सने सने घर आगे, चिरई चुरगुन अमली के डारा मं सकलागे तरिया के पार जइसे झमके रे झांझ। खेत खार बखरी मं गहिरागे साँझ। थके हारे मेड पार कांसी उंघाये रे चौरा मं राऊत टूरा बंसरी बजाये रे संगी रे पैरा ल कोठ मं गाँज खेत खार बखरी मं गहिरागे साँझ। […]
ज्ञान गजब भरे हे तोर मन में बिजली असन तेजी हे तोर मन में अव्वल किसनहा, असन रुप बनाये लंदन में, राजा से, हाथ मिलाये धन तोर गाँधी बबा चतुराई कैसे करन तोर बापू बडा़ई गजबे करे हावस हमर भलाई। तकली अऊ चरखा सबो ला धराये कपडा विदेशी के रोग हटाये नीचा-ला-ऊँचा तै आसन देवाये […]