संगी मन ला जोहार, जब हम अपन नेट संगी मन मेर सुनता-सलाह करके 2 अक्टूबर 2008 ले गुरतुर गोठ के बाना उंचाए रहेन त हमर सोंच रहिस हावय के येला पतरिका के रूप देबोन, चाहे त सरलग नहीं त एक-दू दिन के आड़ म, अलग-अलग विधा के माला गूंथत। …. फेर बेरा के कमी अउ […]
Category: गोठ बात
छत्तीसगढ़ म रा.ब.क्ष.ण. के उच्चारन नई होय। अउ उच्चारन नई होय तिही पाय के जुन्ना विद्वान मन ये वर्न मन ल वर्नमाला म सामिल नइ करिन अउ छत्तीसगढ़ी वर्नमाला म ये वर्न मन गैरहाजिर हे। तौ ये वर्न मन ल जब मन लगिस सामिल कर लौ अउ जब मन लगिस छटिया दौ, ये नीति ल […]
लोक कथा म ‘दसमत कइना’ के किस्सा
छत्तीसगढ़ म लोक कथा के अनेक रूप देखे ल मिलथे। जेमा प्रेम प्रधान, विरह के वेदना म फिजे लोक कथा, आध्यात्मिक लोक कथा, वीर रस के लोक कथा एकरे संगे संग जनजातीय आधार म घलो कथा के प्रचलन हाबे। अंचल के प्रतिनिधित्व करत ये छत्तीसगढ़ी लोककथा मन आज भी सियान बबा के मुंह ले सुने […]
नाटक अऊ डॉ. खूबचंद बघेल
आज जरूरत हे अइसना साहित्यकार के जेन ह छत्तीसगढ़ के धार्मिक राजनैतिक अऊ सामाजिक परिवेस के दरसन अपन लेखन के माध्यम ले करा सकय। बिना ये कहे के मैं ह पहिली नाटककार आवं के कवि आंव। आज के कुछ लेखक मन ये सोच के लिखत हावंय के मैं ह कोन मेर फिट होहूं। जल्द बाजी […]
नवरात्र के शुरूवात घट इसथापना ले होथे घट म पानी भर के आमा पत्ता ले सजा के ऊपर म अनाज रखे जाथे। प्रकृति ले जुरे तिहार प्रकृति के पूजा करथे। पानी घट म रखना ‘जल ह जीवन आय’ के बोध कराथे। जेन कलस के हम पूजा करथन तेन म जल हावय। आज ये जल के […]
परंपरागत रूप म बरसों ले चलत रावत बाजार ल व्यवस्थित करे म डॉ. कालीचरण यादव के योगदान ल सब्बो मानथे। सहर के रावत बाजार पूरा देस म अपन अलग पहिचान रखथे। ‘मड़ई’ आज रावत बाजार ले ऊपर सामाजिक गर्व के विसय हो गे हवै। डा. यादव तिर अनुपम सिंह के गोठ. भास्कर : मड़ई के […]
आवा बचावव लोक कला ल : डॉ. सोमनाथ यादव
बिलासा कला मंच के संस्थापक अउ राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सोमनाथ यादव कला अउ कलाकार मन ल बढ़ावा देहे बर जाने जाथे। मंच ह कला के संरक्छन के दिसा मं काम करे के संग अइसे रचनाकार मन के किताब ल छापे हवै, जउन ल कोनो नई जानयं। उनखर काम ल देख के शासन हं […]
काम दहन के आय परब- होली
छत्तीसगढ़ आदिकाल ले बूढ़ादेव के रूप म भगवान शिव अउ वोकर परिवार ले जुड़े संस्कृति ल जीथे, एकरे सेती इहां के जतका मूल परब अउ तिहार हे सबो ह सिव या सिव परिवार ले जुड़े हावय। उही किसम होली जेला इहां के भाखा म होली कहे जाते। इहू हर भगवान भोलेनाथ द्वारा कामदेव ल भसम […]
नंदावत हे लोककला, चेत करइया नई हे…
गीतकार लक्ष्मण मस्तुरिहा से खास बात ‘देवार डेरा’, ‘चंदैनी गोंदा’, कारी बर लिखे गीत अऊ कवि सम्मेलन मा सोझेच अपन मन के बात कहइया गीतकार कवि लक्ष्मण मस्तुरिहा के कहना हे कि नवा राज बने नौ बछर बीतगे फेर छत्तीसगढ़ के लोककला के चिन्हारी करइया नई मिलीस। जतका बड़का आयोजन होइस ओमा दिल्ली, बम्बई के […]
दारू बंदी के रद्दा अब चातर होवत हे
हमर प्रदेस मा चारो मुड़ा कारखाना उपर कारखाना लगत हावय, धान के कटोरा छत्तीसगढ़ मा किसानी जोंत के रकबा दिनो-दिन घटत जावत हावय। सहर ले लगे गांव-खेत मन ला बिल्डिंग हा लीलत हावय अउ जंगल-ड़ोंगरी के जमीन मन ला कारखाना हा लीलत हावय। बांचे खोंचे किसानी के जमीन हा कारखाना के चिमनी ले उड़ात करिया […]