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व्‍यंग्‍य : पनही

गुरूजी के पनही, ओकर पहिचान आय। नानुक रिहीस तब ओकर ददा, जे पनही ल पहिने, उही पनही ल गुरूजी घला पहिरथे। खियात ले पहिर डरीस, फेर वा रे पनही, टूटे के नाव नी लीस। येहा, खानदानी गुरूजी पनही आय, जेमा कभूच कभू नावा डोरी धराये बर परय। ओकर उप्पर भाग, हमेसा चकाचक रहय। ओमा कभू […]

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होली के रंग – राशिफल के संग

हमर हिन्दू धर्म में पंचांग के बहुत महत्व हे।कोई भी काम करथन त पहिली पंचांग देखथन तब काम के शुरूआत करथन।राशिफल ह हमर जीवन में बहुत महत्व रखथे ।एकर से हमला शुभ अशुभ के जानकारी होथे । होली के शुभ अवसर में ज्योतिसाचार्य स्वामी भकानंद जी के द्वारा भांग के नशा में बनाय गे राशिफल […]

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चलती के नाम गाड़ी, बिगड़ गे त…

बहुत साल पहिली किसोर कुमार, असोक कुमार अउ अनूप कुमार तीनों भाई के एक ठन फिलिम आय रहिस हे- चलती के नाम गाड़ी। फेर वोखर बाद के लाईन ल कोनो नई बतावय। मैं बतावत हों चलती के नाम गाड़ी बिगड़ गे त खटारा। टेटकू बैसाखू ल कार में घूमत देख के एक दिन महूं सोंचेव […]

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व्‍यंग्‍य : कलम

दू झिन संगवारी रिहीन । अब्बड़ पढ़हे लिखे रिहीन । अलग अलग सहर म रहय फेर एके परकार के बूता करय । दूनों संगवारी एक ले बड़के एक कहिनी कंथली बियंग कबिता लिखय , कतको परकार के अखबार अऊ पतरिका म छपय । हरेक मंच म जावय । फेर दूनों के रहन सहन म धीरे […]

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नौ हाथ लुगरा पहिरे तभो ले देंहे उघरा

बिकास के चरचा चारों मुड़ा म होये । गांव गंवई के मनखे मन बिकास देखे बर तरसत रिहीन । हमर देस अजाद होही न बेटा तंहंले बिकास आही , सुनत सुनत दू पीढ़ही के मन सरग सिधार दीन । तीसर पीढ़ही के मनखे मन घला बुढ़ाये धर लीन । फेर कइसना होथे बिकास तेकर दरसन […]

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छत्तीसगढ़ी व्यंग्य : नोट बंदी के महिमा

8 नवंबर के दिन भारत के एक एतिहासिक दिन हवय। ए दिन टीवी म रात के 8 बजे जब खबर आइस के प्रधानमंत्री जी देस ल संबोधित करही तव सब्बो झिन टीवी तीरन चटकगे रहिन के आज तव लागत हे के नापाकिस्तान उपर हमला करे के घोसना होही। फेर थोरिक देर म प्रधानमंत्री जी कहिन […]

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यमराज ह पिकनिक मनाय जब धरती म आइस

धरती में खास करके भारत में देवारी तिहार के तैयारी चलत रहिस। रंग रोगन फटाका झालर बलफ से दुकान मन ला सजाय जावत रहिस हे। हीरकयमराज हा दूरबीन लगाके धरती कुती ला देखिस अउ उदास होगे। आगू में जुगाली करत यमवाहन (भैंसा) खड़े रहिस हे। मालिक यमराज के उदास चेहरा देख के वो हा चिन्ता […]

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गरीब मुलुक के बड़हर नेता

हमर देश भर नहीं भलुक पूरा दुनिया के एकेच हाल होगे हवय। हर देश ह अपन देश के कमजोरी ल जनता के आंखी ले लुकाय खातिर दूसर देश म आतंक फैलावत हे। लड़ई-झगरा के ओखी खोज हे अउ बड़े-बड़े बम गोला के धमाका करत हे। चारों मुड़ा हाय-हाय, रांय-रांय। जेन देश के अस्सी प्रतिशत जनता […]

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व्यंग्य : ममा दाई के मुहुं म मोबाइल

रात बेरा के बात आय। रइपुर ले जबलपुर बस म जावत रेहेंव। बारह बजे रहिस होही। बस म बइठे सबो यात्री फोये-फोये नाक बजावत सुतत रहीन। उही बेरा म मोर आघु सीट म बइठे डोकरी दाई के मोबाइल टीरिंग-टीरिंग बाजे लागिस। मोर नींद ह टूट गीस। मे देखेंव डोकरी दाई ह झट ले मुहुं म […]

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बियंग: परगति

बात तइहा तइहा के आये। मनखे अऊ कुकुर के बीच ताकतवार होये के परतियोगिता सुरू होइस। एक घांव कुकुर हा मनखे ल चाब दीस। मनखे मर गे। मनखे के मन म, डर हमागे। कुकुर, ताकत के पहिली लड़ई जीत डरिस। कुछेच बछर पाछू, कुकुर फेर भिरगे मनखे संग। मनखे मर गे, कुकुर घला मरगे। मनखे […]