मोला मइके देखे के साध लागय … लुगरा ले दे, धनी मोर बर लुगरा ले दे हो । आजे काली मं आवत होही दाई ददा भेजे भइया हा । सुघ्घर बन के जावंव संग संग, आजे करम मोर जागे ॥ रंगे बिरंगा आंछी देख के मोटहा अउर खटउहां । गोडे मुड़ी ले रूंंघ वाला, देखें […]
Category: गीत
नवगीत : गाँव हवे
तरिया-नरवा, घाट-घटौदा, सुग्घर बर के छाँव हवे हाँसत-कुलकत दिखथे मनखे अइसन सुग्घर गाँव हवे। खेत-खार हे हरियर-हरियर सुग्घर बखरी-बारी हे लइका मन हे फूल सरीखे घर-द्वार कियाँरी हे। मिहनत करे गजब किसान चिखला बुड़े पाँव हवे। हँसी-ठिठोली हम जोली संग गाये गीत ददरिया कौनो दिखथे गोरा-नारा कौनो दिखथे करिया। सुख-दुख हावै गंगा-जमुना मया-पिरित ठाँव-ठाँव हवे। […]
नवगीत छत्तीसगढ़ी
जावन दे तैं घर छोड़ दे नोनी अब तो मोला जावन दे तैं घर। छेरी-पटरू लुलवावत होही बिन चारा-पानी के कब तक हम गोठियायवत रहिबोन कहनी अपन जवानी के । अभी उमर कचलोईहा हावय मिलबोन आगू बछर। खेत-खार बारी-बखरी के करना हे तइयारी बईठाँगूर, कमचोरहा कही के देथे दाई हर गारी। मिहनत कर के चढ़बोन […]
अरे गोई झमकत पानी भरल जवानी ऊपर करिया रात गोई रे, ऊपर करिया रात।। भेदी पइरी बोले बइरी मानत नह है बात गोरी रे, मानत नइ है बात। आंखी में आंजे हों जेला कर डारिस गा घात गोई रे, कर डारिस गा घात। दे के पीरा लूटिस हीरा बइठे हों पछतात गोई रे, बइठे हों […]
देखा रे भाई कइसन दिन कर फेर। रात कभों दुख ले के आथे कभों उगत है बेर।। तीन लोक कर जे स्वामी गा राज-पाट सब छोड़िन। भाग बली गा उघरा पावें बन ले नाता जोड़िन। संग चलिन सीता माता गा है कइसन अन्धेर।। देखा रे भाई ……………….. जे सिरजिस संसार कहत हैं केंवटा पार उतारे। […]
माथ जरे झिन मझिनहां कर घामा, छांहा बर रूख ला लगाए डारबो। रूखर दिखे झिन परिया-पहार हरियर बर रूख ला लगाए डारबो। फूल देथे-फर देथे अउर देथे छाया। काठ कोरो देथे बगरा देथे अपन माया।। बड़खा साधु कस हवे जी मितान, एहिच बर रूख ला लगाए डारबो। आमा कर हठुली घलो मउहा कर मदगी घलो। […]
मेदिनी प्रसाद पाण्डेय के गीत
नो हो कछेरी ए हर नो है कछैरी, हाकिम मन बैठे बैठे खेलत है गरी ए हर नो है कछैरी……… चला भाई भाग चली प्राण ला धरी विधि के विधान में सुखाये पोखरी। ए हर नो है कछैरी……. दफा सार सौ बीस बूले खोल डगरी भरत हवे पेट कोई जी इ की मरी। ए हर […]
नरसिंह दास के सिव के बरात
आइगे बरात गांव तोरे भोला बबा जी के, देखे जाबो चला गिंया संगी ल जगावारे। डारो टोपी धोती पांव पैजामा कसिगर, गल बंधा अंग कुरता लगावरे॥ हेरा पनही दौड़त बनही कहे नरसिंह दास, एक बार हुहां करिसबें कहूँ धावारे। पहुंच गये सुक्खा भये देखि भूत-प्रेत, कहे नहीं बांचन दाई बबा प्राण ले भगाव रे॥ कोऊ […]
गीत : धनहा डोली
चल घुमाहूँ तोला, धनहा डोली। सुनाहूँ तोला, तीतुर, पपीहा के बोली। मेड़ -पार म उगे हवे, रंग – रंग के काँदी। खेत म खेलत हवे, डँड़ई, कोतरी, सराँगी। नाचत हवे रुख राई संग, पँड़री-पँड़री कांसी। कते रुख तरी खाथों, बइठ मैंहा बासी? तँहूँ ला खवाहूँ, मुंग – मुंगेसा ओली-ओली। चल घुमाहूँ तोला, धनहा डोली…………….। मेचका […]
ए गिरे परे हपटे मन अउ डरे थके मनखे मन, मोर संग चलव रे अमरइय्या कस जूड छांव मंय मोर संग बइठ जुडा लव पानी पी लव मंय सागर अंव दुख पीरा बिसरा लव नवा जोत लव नवा गांव बर रददा नवा गढ़व रे। मंय लहरी अंव मोर लहर मां फरव फुलव हरियावव महानदी मंय […]