भासा, सहज, सरस, पद, नानक छंद जइसे गुर के पागे सक्कर कंद सुसकत आवत होइही भइया मोर छईंहा म रंचक डोलहन लेइहा अगोर मोर नगरिहा ल लागत होइही घाम बैरी बदर ते कस होगे बाम कइसे डहर निहारौ लगथे लाज फुंदरा वाला बजनी पनही बाज बहुत पिरोहित ननकी बहिनी मोर रोई रोई खोजत होइही खोरन […]