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संस्मरण

आरटीओ चेकिंग : समसामयिक हास्य संस्मरण

एक्सीलेटर ल मुठा म चीपे जोर से अइंठत सुन्ना रोड म फटफ़टी ल भगावत रहेंव, सनसन..सनसन… बोंअअ…ओंओंअअ ..। रद्दा में देखेंव त आठ दस झन मनखे मन तिरयाये अपन मोटरसाइकिल धरके खड़े रहय। एक झन नवरिया बिहतिया कस लागिस ओखर सुवारी कनिहा के आत ले मुड़ ला ढांके रहय। एक झन बनिया व्यापारी टइप मनखे […]

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बेटी की हत्या : संस्मरण

वाह रे निष्ठुर आदमी बेटे की चाहत में दो दो बेटियों को माँ की कोख में ही मार डाला, तीसरी जब बेटी पैदा हुई तो उस अभागिन की माँ चल बसीI पिता ने फिर दूसरी शादी रचा ली, दूसरी बीवी से एक बेटा हुआ,पिता और माँ का पूरा ध्यान उस अभागिन पलक से हट कर […]