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गीत

छत्तीसगढ़ महिमा

जनम लेवइय्या ये भुंइया म,सिरतो कथंव भागमानी ए।
धुर्रा माथ लगावव संगी!ये माटी बलिदानी ए।

जनम धरिन कौसिला दाई
रामलला के महतारी।
बालमिक रमायन रचिस
महिमा ह जेकर बड भारी।
राजा दसरथ रेंगत आइस,इंहे सिंगी रिषी बरदानी हे।
धुर्रा माथ लगावव संगी!ये माटी बलिदानी हे।

बारा बच्छर बनवास कठिन
राम-लखन इंहे काटे हे।
जूठा बोईर सबरी के खाके
नवधा भगति ल बाँटे हे।
अंग-अंग राम नाम गोदवइय्या,कतको इंहा रामनामी हे।
धुर्रा माथ लगावव संगी!ये माटी बलिदानी हे।

धरती ए ,बेटा ल आरा म चिरइय्या
मोरध्वज अस दानी के।
बबरूवाहन अर्जुन के लइका
पराकरमी धनुषधारी के।
बन-बन किंजरय पांडो मन जिंहा,वो भीमखोज-खल्लारी ए।
धुर्रा माथ लगावव संगी!ये माटी बलिदानी ए।

इंहे के डोंगरी पहाडी म
कालिदास मेघदूत ल रचे हे।
रामगिरी डोंगरी ;भरत मुनि के
नाचा-लील्ला खातिर सजे हे।
नाचा के नाव जगइय्या,इंहा मंदरा जी कस धियानी हे।
धुर्रा माथ लगावव संगी!ये माटी बलिदानी हे।

अंगरेज मन ल खेदे-बिदारे
बीरनारायण बघवा के।
ए भुंइया हरे छुवाछुत भगइय्या
सुंदर बबा जइसे अघवा के।

सुराजी मसाल जरइय्या मन के, बगरे चारों खुंट कहानी हे।
धुर्रा माथ लगावव संगी!ये धरती बलिदानी ए।।

रीझे यादव
टेंगनाबासा (छुरा) 493996