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गीत

बोधन राम निषाद राज के तीन गीत

1. मोर कान्हा तरसाई डारे

मोर कान्हा तँय जीव ला, तरसाई डारे।
बिन मारे मँय तो मर गेंव, भुलाई डारे।।
मोर कान्हा तँय जीव ला …

ओ जमुना के तीर अउ,कदम के छइहाँ।
झुलना झुलाए डारे, जोरे दूनों बइहाँ।।
बही होगेंव का मोहनी ला, खवाई डारे।
मोर कान्हा तँय जीव ला …

आँखीं मा मोरो तँय हा, कबके समाए।
सुरता मा मोला तँय हा, गजबे रोवाए।।
हिरदे के कुरिया बइठे, बँसी बजाई डारे।
मोर कान्हा तँय हा जीव ला …

कुँज गलियन मा कान्हा, बृंदाबन मा।
माखन चोर तँय हा, बसे तन-मन मा।।
मया बरसाई डारे, रास ला रचाई डारे।
मोर कान्हा तँय हा जीव ला …

2. करमा नचाहुँ जोही

करमा नचाहुँ जोही आबे झूल झूल के।
गजरा लगाहुँ खोपा मा गोंदा फूल के।।
करमा नचाहुँ …

आमा के मउर झुले चले पुरवईया ओ।
संगे संग नाच लेबो जोर जोर बइहाँ ओ।।
आबे जमात पारा झन जाबे भूल के।
करमा नचाहुँ जोही …

परसा के फूल लाली आगी ला लगावै गा।
बैरी मन मानय नहीं जिवरा ल जलावै गा।।
सँझा के बेरा आहुँ करत हँव कुबूल के।
करमा नचाहुँ जोही …

लुगरा के छोर झुलय धोंती के कोर मा।
कोयली ताना मारे पिरीत बाँधे डोर मा।।
डोंगरी पहाड़ तरी हाँसत आबे खूल के।
करमा नचाहुँ जोही …

3. मया बाँध लेबे गा

मया बाँध लेबे गा,सुरता राख लेबे गा।
मोर हिरदे के पिंजरा मा झाँक लेबे गा।।
मया बाँध लेबे गा …

जिनगी मा जीवन के संगिनी बनाले।
मया दूनों बँधे राहय, किरिया ला खाले।।
दूनों बइला फाँद गाड़ी हाँक लेबे गा।
मया बाँध लेबे गा …

रूप हा समाय तोर आँखीं के कजरा।
अइसे लागे मोला छाये करिया बदरा।।
बन के बादर एको कन झाँक लेबे गा।
मया बाँध लेबे गा …

संगी बिन सुन्ना होथे मया के फुलवारी।
आनी बानी फुलवा ले सजे बखरी बारी।।
भँवरा बन के मयारस ला चाँख लेबे गा।
मया बाँध लेबे गा …

पानी कस फोटका ए तन के का ठिकाना।
कोन जनी का होही कहाँ आना जाना।।
“निषाद” एक नजर तँहु ताक लेबे गा।
मया बाँध लेबे गा …

बोधन राम निषाद राज
सहसपुर लोहारा, कबीरधाम (छ.ग.)