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कविता

दीवाली तिहार

दीवाली के तिहार हे
करा जी साफ सफाई
सुंदर हे तन मन हमर
मिलके खुषी मनाई
लइका खेलत हे घर मा
दीया आवा जलाई
रंग बिरंगा रंगोली ला
मिलके आज बनाई
लक्ष्मी जी के पूजा करा
दुख के होही बिदाई
दुब फुल ला अर्पण करके
जम्मो झन खावा मिठाई
सुंदर सुंदर कपडा पहिरा
थाली आवा सजाई
भक्ति भाव ले रोषन करा
दुवारी अउ अंगनाई
लइका मन राकेट छोडिन
छोडिन आज लडाई
महतारी के कोरा मा
दुख ला जी बिसराई

कोमल यादव
मदनपुर खरसिया
9977562133
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